Thursday, October 16, 2025
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मिशन शक्ति की गूंज: विजय लक्ष्मी बनीं एक दिन की प्राचार्य

डायट महराजगंज में बेटियों को मिला नेतृत्व का अवसर,आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की दिशा में नई पहल

महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। महिलाओं को सशक्त बनाने और बेटियों में नेतृत्व क्षमता विकसित करने की दिशा में चल रहे मिशन शक्ति अभियान के तहत डायट महराजगंज में एक ऐतिहासिक पहल हुई।
डीएलएड बैच 2024 की प्रशिक्षु विजय लक्ष्मी उपाध्याय, सुपुत्री संजय उपाध्याय, ग्राम पंचायत बूढ़ा डीह, विकासखंड निचलौल निवासी को एक दिन के लिए प्रतीकात्मक प्राचार्य बनाया गया।
इस अवसर पर प्राचार्य सत्येंद्र सिंह ने प्रशिक्षुओं के बीच से विजय लक्ष्मी का चयन किया। चयन का उद्देश्य था छात्राओं को यह अनुभव कराना कि जब जिम्मेदारी बड़ी हो,तो उसका निर्वहन कैसे किया जाता है और नेतृत्व का व्यवहारिक प्रशिक्षण किस प्रकार मिलता है।
विजय लक्ष्मी उपाध्याय ने बताया कि एक दिन के लिए प्राचार्य बनना मेरे लिए गौरव की बात है। मैंने सीखा कि नेतृत्व करते समय किस प्रकार निर्णय लिए जाते हैं और प्रशासनिक कार्यों की जिम्मेदारी कितनी अहम होती है। भविष्य में मैं एक सफल शिक्षिका बनकर समाज और देश की सेवा करना चाहती हूं। उन्होंने कार्यवाहक प्राचार्य के रूप में विभिन्न पत्रावलियों का अवलोकन भी किया, प्रशासनिक दायित्वों का निर्वहन किया और शिक्षण-प्रशिक्षण व्यवस्था की बारीकियों को समझा।
यह पहल सिर्फ एक दिन की प्रतीकात्मक जिम्मेदारी नहीं थी, बल्कि यह बेटियों को यह एहसास दिलाने का प्रयास था कि वे समाज की हर बड़ी से बड़ी जिम्मेदारी निभाने में सक्षम हैं।
मिशन शक्ति अभियान का यही उद्देश्य है कि महिलाएं आत्मनिर्भर बनें, नेतृत्व की राह पर आगे बढ़ें और शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ें।
डायट महराजगंज में हुई यह अनूठी पहल पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आई विजय लक्ष्मी ने यह साबित किया कि अगर अवसर मिले तो बेटियां किसी भी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और दक्षता के साथ निभा सकती हैं।
इस दौरान प्राचार्य सत्येंद्र सिंह समेत प्रवक्ता आशीष कुमार मौर्य सुजीत चौहान पूजा चौधरी अरुण मिश्रा सूरज प्रकाश मिश्रा दिव्या गुप्ता आदि मौजूद रहे। सभी ने विजयलक्ष्मी के आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता की सराहना की।

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