सीओ की पहल पर नगर में हो रहा है पारंपरिक वाद्य यंत्रों का प्रयोग
शशांक मिश्र की रिपोर्ट
सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। उप नगर सलेमपुर में शारदीय नवरात्रि के अवसर पर मां दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना हर साल की भांति इस वर्ष भी किया गया है। क्षेत्रवासी बड़े ही श्रद्धा और विश्वास के साथ मेले में आ रहे है और माता के पंडाल में दर्शन कर प्रसाद ग्रहण कर रहे है।
परंतु नगर में इस बार दशहरा के मेले का अंदाज कुछ बदला दिख रहा है। क्योंकि हर बार मेले में मां के पंडालों की (झूठी) शान बड़े-बड़े डीजे हुआ करते थे। जिससे मेले में आए श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को डीजे की तेज आवाज और वयव्रेशन से दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
लेकिन इस बार बड़े-बड़े डीजे के स्थान पर प्रशासन की सख्ती और सलेमपुर के क्षेत्राधिकारी दीपक शुक्ला और कोतवाली प्रभारी तेज जगरनाथ सिंह के निर्देशन, कुशल नेतृत्व, कार्य क्षमता के वजह से पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल, मजीरा और तासे बज रहे है। जिससे मेले में आई जनता शूकून से मेले का आनंद ले रही है। साथ ही स्थानीय निवासी भी सुकून में हैं। पूरे नगर में सलेमपुर पुलिस के अधिकारी और जवान चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद है।जिनकी निगरानी क्षेत्राधिकारी सलेमपुर स्वयं देर रात कर रहे हैं।
क्षेत्राधिकारी सलेमपुर दीपक शुक्ल का यह कदम प्रशंसनीय है और इस मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू करने की आवश्यकता है। जिससे आम जनमानस राहत की सांस ले सके और विलुप्त हो रहे पारंपरिक वाद्य यंत्रों का संरक्षण भी हो।
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