भाटपार रानी/देवरिया/(राष्ट्र की परम्परा)
ग्राम भटवलिया पांडे टोला सुंदर में आजादी के बाद से गांव के विद्युतीकरण से लेकर अब तक एक बार भी नहीं बदले गए हैं यहां विद्युत सप्लाई हेतू लगे पोल तार एवं अन्य विद्युत उपकरण गांव में आए दिन ही हो रही है विद्युत दुर्घटनाएं अब तक कई बार इस गांव में हुए विद्युत दुघर्टना जिसमें बार बिजली के तार टूट कर गिरते रहने से गांव में करीब आधे दर्जन से भी अधिक बेजुबान जानवर अपनी जान गंवा चुके हैं । वहीं फिर जिम्मेदार हैं कि संज्ञान ही नहीं ले रहे हैं। विभाग के संबंधित जेई विद्युत उपकेंद्र गजहड़वा तार नहीं होने की बात कह रहे हैं।
प्राप्त समाचार के मुताबिक़ भाटपार रानी तहसील क्षेत्र स्थित बनकटा ब्लाक के भटवलिया पांडेय टोला सुंदर पार में जर्जर हो चूके पोल एवं स्टेक तार इंसुलेटर आदी उपकरण जो विद्युत सप्लाइ हेतु लगाए गए हैं उन्हें विभाग के द्वारा अभी तक नहीं बदले गए हैं। नतीजा यह है कि आए दिन ही गांव में तार विद्युत सप्लाई प्रवाहित रहने के दौरान ही टूट टूट कर गिर जाने से अब तक गांव में करीब आधे दर्जन बेजुबान पशु काल कवलित हो चुके हैं जिनकी जान चली गई है। वही इस समस्या से निजात पाने के लिए ग्राम निवासियों ने ग्राम प्रधान के हस्ताक्षर सहित बिजली विभाग के और अभियंता सहित अधिशासी अभियंता तक अपनी शिकायत दर्ज कराया किंतु फिर भी सुनवाई नहीं हो रही है दूरभाष पर अधिशासी अभियंता के द्वारा बताया गया ग्रामीण एरिया में विद्युत मूल्य भुगतान बकाया होने के कारण समय पर विद्युत उपकरण नहीं बदले जा पा रहे हैं। जबकी वहीं एक बहुत ही अनोखा मामला गजहड़वा विद्युत वितरण उपकेंद्र का ही सामने आया है जो कि आघांव ग्राम पंचायत का है 10 के०वि० के एक ट्रांसफार्मर पर ही गांव में कुल 72 लोगों को कनेक्शन विभाग द्वारा दे दिए जाने की खबर है जबकि मानक के अनुसार करीब 15 से अधिक कनेक्शन 10 के०वि० ट्रांसफार्मर पर नहीं होने चाहिए थे। वहीं इस संदर्भ में जब अधिशासी अभियंता विद्युत सलेमपुर से इस संदर्भ में दूरभाष पर पत्रकार द्वारा वार्ता किया गया आख़िर कमर्शियल प्लान के तहत यहां पर आवश्यकता से अधिक दिए गए कनेक्शन को देखते हुए क्षमता वृद्धि क्यों नहीं की जा रही है। तो उनका कहना है ग्रामीण एरिया में विद्युत मूल्य भुगतान समय से उपभोक्ता नहीं कर रहे हैं अतः विद्युत मूल्य भुगतान होने पर ही ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि हो पाएगी!? आखिर विभाग के इतने बड़े अधिकारी के द्वारा इस घोर लापारवाही एवं जानता एवं उपभोक्ता के प्रति अपने दायित्व के निर्वहन सही से नहीं करने और गैर जिम्मेदार बयान देने के लिए दोषी कौन हैं।सरकार सत्ता के लोग आखिर कौन हैं इस लज्जाहीन बयान के पीछे इन्हें कौन समझाए की जहां 15 कनेक्शन महज मानक के अनूरूप होने चाहिए थे वहां इसके विपरीत 5 गुना करीब 72 कनेक्शन एक ही ट्रांसफार्मर 10 केवी पर कैसे दे दिया गया है ।आखिरकार उपभोक्ता को समय से गुणवत्ता युक्त बिजली नहीं मिलेगी वह विद्युत मूल्य का समय से भुगतान कैसे कर पाएगा।बड़ा सवाल यह है कि वर्तमान सरकार में अब अधिकारी मनमानी पर उतर आए हैं जिन्हें अपनी कार्य सैली जनता के प्रति जवाबदेह रखनी चाहिए अन्यथा ऐसे अधिकरी कर्मचारी ही सरकार की छवि को निरन्तर धुमिल कर रहे हैं।
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