देवरिया समेत कई जनपद तपन से परेशान
लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क विशेष रिपोर्ट)उत्तर प्रदेश,प्रदेश के कई जिलों में हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। खासकर मुरादाबाद, वाराणसी और अलीगढ़ में हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। इन जिलों में बारिश ने जहां एक ओर राहत दी है, वहीं दूसरी ओर जलभराव और नदियों के बढ़ते जलस्तर ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं।
मुरादाबाद: कॉलोनियों में जलभराव, लोग घरों में कैद
मुरादाबाद शहर की कई आवासीय कॉलोनियों में बारिश के बाद जलभराव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। रामगंगा विहार, हाजीपुरा, कटघर, सिविल लाइंस जैसी प्रमुख कॉलोनियों में पानी भर जाने से लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया कि “हर साल बरसात में यही हाल होता है, लेकिन प्रशासन कोई स्थायी समाधान नहीं करता।”
नगर निगम की ओर से राहत कार्य चलाए जा रहे हैं, लेकिन जलनिकासी की व्यवस्था बदहाल होने के कारण स्थिति सामान्य होने में समय लग सकता है।
वाराणसी: गंगा का जलस्तर बढ़ा, घाटों पर खतरा
वाराणसी में लगातार बारिश के चलते गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट समेत कई घाटों पर जलभराव हो गया है। गंगा किनारे रह रहे लोगों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।
सिंचाई विभाग के अनुसार, गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। प्रशासन ने संभावित बाढ़ को देखते हुए NDRF और SDRF की टीमों को अलर्ट पर रखा है।
इसके साथ ही नाव संचालन पर भी अस्थायी रोक लगाई गई है।
अलीगढ़: शहर की सड़कों पर तालाब जैसा नजारा
अलीगढ़ में भीषण बारिश के बाद मुख्य सड़कों पर पानी भर जाने से यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ है। क्वार्सी, जमालपुर, बन्नादेवी, सिटी स्टेशन रोड जैसे इलाकों में वाहनों की आवाजाही ठप पड़ गई है।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि जलनिकासी की व्यवस्था बेहद खराब है और एक-दो घंटे की बारिश के बाद ही सड़कें डूब जाती हैं।
स्कूलों में भी उपस्थिति कम देखी गई, और कई निजी विद्यालयों ने एक दिन की छुट्टी की घोषणा कर दी है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
तीनों जिलों के प्रशासन ने जलभराव की समस्या से निपटने के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीमों को सक्रिय कर दिया है। पंपिंग सेट लगाए जा रहे हैं और नालियों की सफाई कराई जा रही है।
प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जलभराव और संभावित बाढ़ क्षेत्रों में चौकसी बढ़ाई जाए और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।
बारिश ने जहां मौसम को ठंडक प्रदान की है, वहीं नगर निकायों की खस्ताहाल तैयारियों ने जनता को मुश्किल में डाल दिया है। वहीं आज भी कुछ जनपद गर्मी व तपन सह रहे इस आस में की हो जाए बरसात अब देखना यह होगा कि प्रशासन कितनी जल्दी हालात को सामान्य करता है।
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