Lucknow News: उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) ने एक बड़ा खुलासा किया है। जांच में सामने आया है कि डॉ. शाहीन हमदर्द का रूप लेकर युवाओं को आतंकी गतिविधियों (Terror Links) की ओर भटकाने का काम कर रही थी। वह मेडिकल छात्रों के साथ-साथ मुस्लिम मरीजों का भी ब्रेनवॉश (Brainwash) करती थी और उन्हें कट्टरपंथी संगठनों से जोड़ने की कोशिश करती थी।
एटीएस को मिले अहम सुराग
एटीएस अधिकारियों के अनुसार, डॉ. शाहीन की आतंकी नेटवर्क से जुड़ी संदिग्ध गतिविधियों के प्रमाण मिले हैं। जांच एजेंसियां मान रही हैं कि वह ‘अलकायदा इन इंडियन सब-कॉन्टिनेंट’ (AQIS) मॉड्यूल से जुड़े लोगों के संपर्क में थी।
टीम ने शाहीन के दिल्ली और कश्मीर कनेक्शन की भी जांच शुरू कर दी है।
पहले भी सामने आ चुका है डॉक्टरों का आतंकी कनेक्शन
यह कोई पहला मामला नहीं है जब डॉक्टरों की आतंकियों से नजदीकियां सामने आई हों।
अगस्त 2024 में दिल्ली पुलिस और यूपी एटीएस ने मिलकर एक बड़े नेटवर्क का खुलासा किया था, जिसमें रांची के डॉ. इश्तियाक अहमद को गिरफ्तार किया गया था।
वह अलकायदा मॉड्यूल का सरगना था और देशभर से 14 लोगों को पकड़ा गया था।
अब शाहीन के मामले में भी उसी मॉड्यूल से कनेक्शन की जांच हो रही है।
विदेश में पढ़ने वाली छात्राओं को बनाती थी निशाना
सूत्रों के मुताबिक, डॉ. शाहीन विदेश में पढ़ने वाली मुस्लिम छात्राओं से ऑनलाइन संपर्क करती थी।
वह खुद को गाइडेंस काउंसलर बताकर बातचीत शुरू करती और धीरे-धीरे ‘जमात-उल-मोमिनात’ संगठन से जोड़ने के लिए ब्रेनवॉश करती थी।
कई छात्राओं को उसने ‘हमदर्दी दिखाने’ के बहाने कट्टरपंथी विचारधारा की ओर मोड़ने की कोशिश की।
जम्मू-कश्मीर से भी जुड़े तार
एटीएस को यह भी जानकारी मिली है कि शाहीन ने कई बार जम्मू-कश्मीर की यात्राएं की थीं।
वह आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट (Logistic Support) मुहैया कराती थी — यानी ठिकाना, संपर्क और संसाधन उपलब्ध कराना।
फिलहाल एटीएस की टीम दिल्ली और अन्य राज्यों में छानबीन कर रही है ताकि मॉड्यूल के पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।
