Thursday, October 16, 2025
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अपनी कमजोरी किसी को न बताएं : चाणक्य नीति आज भी प्रासंगिक

बलिया (राष्ट्र की परम्परा)।जीवन में उतार-चढ़ाव का सिलसिला चलता रहता है, लेकिन इन परिस्थितियों में अपनी कमजोरी दूसरों के सामने जाहिर करना घातक हो सकता है। शिक्षिका एवं साहित्यकार सीमा त्रिपाठी का कहना है कि प्रत्येक मनुष्य की कुछ न कुछ कमजोरी अवश्य होती है, लेकिन जब तक वह सामने वाले को ज्ञात नहीं होती, तब तक जीवन में कोई बड़ी बाधा उत्पन्न नहीं होती। उन्होंने कहा कि जैसे ही आपकी कमजोरी दुश्मनों को मालूम हो जाती है, वे उसी का लाभ उठाकर व्यक्ति को परेशान करने लगते हैं। इसीलिए महापुरुषों ने हमेशा यह संदेश दिया है कि अपनी कमजोरी पर विजय प्राप्त करने का प्रयास करें। सीमा त्रिपाठी ने आचार्य चाणक्य के सिद्धांतों का उल्लेख करते हुए कहा कि भावनाओं में आकर कभी अपनी कमजोरी प्रकट नहीं करनी चाहिए। समय के साथ लोग उसी का लाभ उठाकर नुकसान पहुंचा सकते हैं। यदि जीवन में सफलता पाना है तो नकारात्मक विचारों से दूर रहकर सकारात्मक सोच अपनानी चाहिए।उन्होंने कहा कि ऊंचाई पर पहुंचने के बाद वहां टिके रहना आसान नहीं होता, इसके लिए चुनौतियों का डटकर सामना करना पड़ता है। यदि व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर शर्मिंदा होकर माफी मांगता रहता है तो यह उसकी कमजोरी को दर्शाता है और यही कमजोरी जीवन पथ में समस्याएं पैदा करती है। अंत में उन्होंने संदेश दिया कि व्यक्ति को निरंतर अपनी कमजोरियों पर विजय पाने का प्रयास करना चाहिए और कभी भी उन्हें दूसरों के सामने उजागर नहीं करना चाहिए। यही जीवन में सफलता की कुंजी है।

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