
पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। बिहार की राजधानी स्थित एम्स पटना में उस वक्त हड़कंप मच गया जब अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने अचानक हड़ताल का ऐलान कर दिया। डॉक्टरों की यह हड़ताल राजद विधायक चेतन आनंद और उनके सुरक्षाकर्मियों द्वारा कथित दुर्व्यवहार और हमले के विरोध में शुरू की गई है। सूत्रों के मुताबिक, एम्स में इलाज के लिए पहुंचे विधायक चेतन आनंद और उनके साथ मौजूद सुरक्षाकर्मियों पर रेजिडेंट डॉक्टरों और अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों के साथ हाथापाई करने का आरोप है। इस घटना से आक्रोशित होकर रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने आपात बैठक बुलाई और तत्काल प्रभाव से सभी आपात सेवाएं ठप करने का फैसला लिया। डॉक्टरों की अचानक हड़ताल से एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इमरजेंसी सहित कई अहम विभागों में इलाज प्रभावित हुआ है। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से जल्द समाधान निकालने की अपील की है। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि –
“हम अस्पताल में अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से करते हैं। यदि हम पर ही हमला होगा तो हम कैसे सुरक्षित रहेंगे? यह केवल डॉक्टरों का नहीं, पूरे चिकित्सा जगत का अपमान है। जब तक दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, हड़ताल जारी रहेगी।”
इस विवाद ने राजनीतिक रूप भी लेना शुरू कर दिया है। एक ओर जहां डॉक्टरों को चिकित्सा समुदाय और आम जनता का समर्थन मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर विधायक चेतन आनंद पक्ष से अभी तक इस पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस पूरे घटनाक्रम पर एम्स प्रशासन और राज्य सरकार की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से ही दबाव में है और ऐसे में आपात सेवाओं का बंद होना जनता के लिए संकट का कारण बन गया है।
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