पीड़ित महिला ने सीएमओ को लिखा मार्मिक पत्र, सोशल मीडिया की सुर्खियों में ।
जिले के जिम्मेदार आला अधिकारियों से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शासन व्यवस्था गंभीर सवालिया घेरे में
गोंडा (राष्ट्र की परम्परा) उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में भी सरकारी अस्पताल के डॉक्टर पैसों के लालच में प्रसव के लिए पहुंची महिलाओं को निजी नर्सिंग होम भेज रहे हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ जब एक प्रसूता महिला ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को एक मार्मिक पत्र लिखकर उन्हें बताया कि आप भी महिला हैं और एक महिला के दर्द को समझ सकती हैं।
मामला जिले के नगर कोतवाली क्षेत्र के गांव लव्वा टेपरा के मजरा पाण्डेय पुरवा से जुड़ा है। यहाँ के निवासी अमरदीप पाण्डेय अपनी पत्नी को प्रसव के लिए जिला महिला अस्पताल ले गए। आरोप है कि वहां पर अस्पताल की चिकित्सक डॉक्टर सुवर्णा कुमार को दिखाया। मरीज को देखने के बाद उन्होंने कहा कि यदि जच्चा बच्चा दोनों की जान बचाना चाह रहे हैं तो उन्होंने एक निजी नर्सिंग होम का नाम बताया और कहा वहां ले चल कर भर्ती करो, हम वहीं पर ऑपरेशन करेंगे। आरोप है कि डॉक्टर ने वहां पर महिला का ऑपरेशन कर प्रसव कराया।जहाँ ऑपरेशन से पहले उससे बीस हजार रुपए जमा कराए गए। हालांकि प्रसव के बाद जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। लेकिन महिला ने जो मार्मिक पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लिखा है वह इन दिनों सोशल मीडिया की सुर्खियों में है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० रश्मि वर्मा को लिखे गए पत्र में उसने कहा कि आप भी एक महिला हैं। जब मैं प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। यह दर्द कोई महिला ही समझ सकती है। तब महिला अस्पताल में तैनात डाक्टर सुवर्णा से जब मेरी मुलाकात हुई महिला चिकित्सक पाकर हमें खुशी का ठिकाना ना रहा। लेकिन जल्द ही मेरी उम्मीद उनसे तब टूट गई। जब उन्होंने कहा कि जच्चा बच्चा दोनों को बचाना है तो यहां इलाज कराने के बजाय उन्होंने एक नर्सिंग होम में ले चलने की सलाह दिया। यह सुनकर मेरे घर वाले तत्काल संबंधित नर्सिंग होम ले गए। जहां पर डॉक्टर सुवर्णा ने मेरा ऑपरेशन किया तथा पैसा जमा करने के लिए कहा। घर वालों ने किसी तरह कर्ज लेकर पैसा जमा किया। तब जाकर मुझे नर्सिंग होम से छुट्टी मिली। पत्र में उसने लिखा कि मैं मेहनत मजदूरी करके किसी तरह से अपना कर्ज उतार लूंगी। लेकिन भविष्य में किसी अन्य प्रसूता को इस कठिनाई से न गुजरना पड़े इसके लिए आप कुछ करें यह मेरा आग्रह है। फिलहाल शासन-प्रशासन कुछ भी दावा करे लेकिन महिला अस्पताल में दलालों की भरमार है तथा वहां इलाज या फिर प्रसव के लिए पहुंची महिलाओं को आशा से लेकर डॉक्टर तक निजी नर्सिंग होम भेज रहे हैं। वहीं इस मामले ने जिले के जिम्मेदार आला अधिकारियों से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शासन व्यवस्था को गंभीर सवालिया घेरे में खड़ा कर दिया है।
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