अधीक्षक अपने चेम्बर पर कभी 12 बजे तो कभी 11 बजे पहुँचते हैं
पत्रकारों को देते है धमकी तुम लोगो को फर्जी मुकदमे में भेजवा दूँगा जेल
बड़हलगंज/गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
पत्रकारों के साथ बदसलूकी करते हैं बड़हलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ शुभम कुमार।
आपको बताते चले कि मामला बड़हलगंज का है बीते सोमवार को बड़हलगंज नगर पंचायत क्षेत्र के खडेसरी गांव में आशा यशोदा उम्र (45)वर्ष का एक्सीडेंट हो गया था, जिसको लेकर कुछ गांव वाले बड़हलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज के लिए गए लेकिन यहाँ के स्टाफ़ द्वारा घायल आशा यशोदा का इलाज नही किया गया, तो आए हुए मरीज के परिजनों द्वारा इलाज ना होने पर शोर मचाने लगे और कहने लगे कि डॉक्टर साहब अपने चेम्बर से बाहर क्यो नही आ रहे हैं।दो चार घण्टा बीतने के बाद जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ शुभम कुमार बाहर निकलते ही मरीज के परिजनों के साथ कहा सुनी करते हुए हाथा पाई करने लगे और यह मामला बढ़ता गया।डॉक्टर और मरीज के परिजन आपस मे भीड़ गए।बड़हलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ शुभम कुमार ने अचेत अवस्था मे पडे मरीज को गोरखपुर जिला अस्पताल रेफर करते हुए परिजन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए बोले की जो तुम लोगो को करना होगा कर लेना मेरा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता है, ना ही सीएमओ और ना ही मुख्यमंत्री।जब पत्रकारो को इसकी खबर मिली तो वह लोग कवरेज करने के लिए बड़हलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गए तो पत्रकारों द्वारा पूछने पर बड़हलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ शुभम कुमार ने पत्रकारों के साथ बदसलूकी करते जबाब नही दिए और आरोप लगते हुए कहा कि पत्रकारो द्वारा मुझे डराया धमकाया जा रहा है।जिसमें पत्रकारों के खिलाफ थाने पर एप्लिकेशन देकर मुकदमा दर्ज करने की अपील की।लेकिन वही पत्रकारों द्वारा बताया गया की हम लोग खबर को कवरेज करने गए लेकिन बड़हलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ शुभम कुमार ने हमें कोई जवाब नहीं दिया और बदसलूकी करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से कर्मचारियों द्वारा धक्के मार कर बाहर निकाल दिया गया और कहा गया कि जो तुम लोगों को करना है जा कर, कर लेना। बड़हलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ शुभम कुमार द्वारा आए दिन किसी ना किसी से झगड़ा होता रहता है।और तो और जब भी यह मरीज को देखते हैं तो बाहर की दवा लिखते हैं मरीज द्वारा पूछा जाता है कि दवा तो सरकारी मिलती आप क्यो बाहर से लिखते हैं।ल,अधीक्षक साहब बोलते हैं अभी सरकारी दवा नही आ रहा है जिससे बाहर की दवा लिखना पड़ता है।लेकिन मरीजो को सरकारी दवा न मिलने से परेशानी होती हैं मरीज जाए तो कहाँ जाए।
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