Categories: कविता

नदी न पिए पानी

दूसरे के चेहरे पर हँसी, जीवन में
ख़ुशी लाने की जो सोच रखता है,
वह व्यक्ति स्वयं भी खुश रहता है,
और दूसरों को भी खुश रखता है।

ईश्वर उसके जीवन में कभी हँसी
और ख़ुशी कम नहीं होने देता है,
वह अपने जीवन में सफलता की
हर ऊँचाई को प्राप्त कर लेता है।

प्रकृति अपनी संपदा अपने लिए नहीं,
अपने परिवेश में रहने वाले प्राणियों
के हित के लिए विकसित करती है,
और सारे जग को संरक्षित रखती है।

नदी न अपना जल स्वयं पीती है,
वृक्ष नहीं अपने फल ख़ुद खाते हैं,
रवि रश्मियाँ प्रकाशित जग करती हैं,
फूलों की महक चहुँ ओर बिखरती है।

एक दूसरे के हित जीवन जीना है,
यही हमारी प्रकृति का नियम भी है,
आदित्य हमेशा यही याद रखना है,
औरों के लिये समर्पण भाव रखना है।

  • डा. कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
rkpnewskaran

Share
Published by
rkpnewskaran

Recent Posts

कुआनो जंगल में लकड़ी काटने गए बुजुर्ग किसान की हत्या, बेटा गंभीर घायल

गोंडा।(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) जिले के खरगूपुर थाना क्षेत्र में शनिवार को उस समय सनसनी…

3 minutes ago

घात लगाए बदमाशों ने दो सगे भाइयों को मारी गोलियां, SP ने किया घटनास्थल का निरीक्षण

जौनपुर (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में शनिवार देर रात सनसनीखेज…

10 minutes ago

डीआरआई ने 12 करोड़ के पाकिस्तानी सामान से भरे 28 कंटेनर जब्त किए, दो गिरफ्तार

सांकेतिक फोटो नवी मुंबई (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने बड़ी कार्रवाई करते…

23 minutes ago

ट्रक में अचानक आग लग गई और देखते ही देखते वह धू-धू कर जलने लगा

बलिया(राष्ट्र की परम्परा) बलिया शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के सतनी सराय चौकी अंतर्गत कदमतर के…

47 minutes ago

ट्रक में अचानक आग लग गई और देखते ही देखते वह धू-धू कर जलने लगा

बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। बलिया शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के सतनी सराय चौकी अंतर्गत कदमतर…

1 hour ago

✨📰 विस्तृत साप्ताहिक राशिफल (14 सितम्बर से 20 सितम्बर 2025 तक)

✍️ पंडित ध्रुव मिश्र 👇यहाँ प्रत्येक दिनवार विस्तृत भविष्यफल प्रस्तुत है 👇♈ मेष (Aries)14 सितम्बर…

1 hour ago