सप्तदिवसीय स्वान्त: सुखाय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का तृतीय दिन
राजापाकड़ कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)06 सितम्बर..
मनुष्य को बिना फल की इच्छा किए अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए। यदि कर्म करते वक्त फल की इच्छा मन में हो तो आप पूर्ण निष्ठा के साथ वह कर्म नहीं कर पाएंगे। निष्काम कर्म ही सर्वश्रेष्ठ परिणाम देता है। फल देना, न देना व कितना देना ये सभी बातें परमात्मा पर छोड़ दो क्योंकि परमात्मा ही सभी का पालनकर्ता है। यह बातें तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत बरवा राजापाकड़ के टोला सपही बरवा में राधाष्टमी के अवसर पर हनुमान भजन मंडल के तत्वावधान में आयोजित सप्त दिवसीय स्वान्त: सुखाय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिन सोमवार की रात्रि कथावाचक आचार्य पं. विनय पांडेय ने श्रोताओं को ध्रुव की कथा सुनाते हुए कही। उन्होंने कहा कि ध्रुव चरित्र की कथा से यह सिद्ध हो जाता है कि भगवत प्राप्ति के लिए उम्र की नहीं बल्कि निष्ठा की जरूरत है। कथावाचक ने कपिल भगवान – माता देवहूति संवाद प्रसंग, सृष्टि विस्तार के प्रसंग में सती दहन, नारायण के विभिन्न अवतारों की कथा का वर्णन किया। इसके पूर्व नवीन पाडेय, भृगुनाथ सेठ, श्यामा नंदन राय ने व्यासपीठ का पूजन किया। यज्ञाचार्य पं संजय चतुर्वेदी, पं. दीपक मिश्र, पं. नंद पाठक, पं. अमरनाथ मिश्र ने परायण पाठ किया। रमेश श्रीवास्तव, कमलेश, संजय व्यास, प्रहलाद गुप्ता, प्रभाकर, प्रेम पांडेय, आशीष, राजपति कुशवाहा, रविंद्र शर्मा, राजानंद प्रसाद, बाल देव प्रसाद, कलावती, रम्भा, मुन्नी, मूर्ति, मुन्ना लाल, शांति, राधेश्याम, रघुनाथ, सुदर्शन, सोना, सोनी, रिंकू, उमा कंचन, शिवम त्रिलोकी, दीपक त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
संवादाता कुशीनगर…
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