कृषि विभाग द्वारा फसल प्रदर्शन के दौरान जनपद के औसत उत्पादकता से अधिक पाई गयी: डीएम
संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में कृषि विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी संत कुमार उपस्थित रहे।
बैठक में उपनिदेशक कृषि द्वारा बताया गया कि कृषि विभाग की योजनाओं में जो फसल प्रदर्शन कराए जा रहे हैं उनकी उत्पादकता जनपद के औसत उत्पादकता से अधिक है। समीक्षा में यह पाया गया कि जनपद में गेहूं की औसत उत्पादकता 40.36 कुंतल प्रति हेक्टेयर है जबकि आत्मा प्रदर्शनों में औसत उत्पादकता 54.65 कुंतल प्रति हेक्टेयर प्राप्त हुई। सरसों में जनपद की औसत उत्पादकता 14.97 कुंतल प्रति हेक्टेयर है जबकि आत्मा प्रदर्शन में उत्पादकता 25.8 कुंतल प्रति हेक्टेयर औसत प्राप्त हुई। इसी प्रकार धान की फसल में जनपद की औसत उत्पादकता 29.7 कुंतल प्रति हेक्टेयर के सापेक्ष आत्मा प्रदर्शनों में 43.87 कुंतल प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादकता प्राप्त हुई। इससे स्पष्ट होता है कि क्षेत्र में किसान उन्नत कृषि यंत्रों से बीजाई कर संस्तुत उर्वरक, कीटनाशक, जैविक खाद, गोबर की खाद, समय से बुवाई कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि योजना अंतर्गत 16वीं किस्त फरवरी माह के अंत में जानी है जिसमें अभी भी 35254 किसानों की ई-केवाईसी लंबित है जिन्होंने भूलेख मैपिंग कर ली है। इन सभी की 16वीं किस्त 15वीं किस्त की भांति शासन द्वारा प्रेषित नहीं की जाएगी यदि वह ई केवाईसी नहीं करते हैं ई-केवाईसी कराए जाने के लिए किसान स्वयं किसान पीएम किसान पोर्टल पर अपने आधार नंबर और उससे जुड़े हुए मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त कर कर सकता है अथवा कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी या जन सुविधा केंद्र के सहयोग से ई-केवाईसी कर सकता है ई केवाईसी कराई जाने में किसी प्रकार के शुल्क की आवश्यकता नहीं है।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि क्षेत्रीय कर्मचारी पंचायत सहायक, ग्राम प्रधान, राशन विक्रेता एवं गांव के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के सहयोग से इन किसानों की सूची प्रदर्शित करते हुए अभियान के रूप में ई-केवाईसी को गांव में कैंप कर कराया जाए। जिसमें पहले से ही गांव में कैंप का दिवस निर्धारित कर लिया जाए और इसकी सूचना पूर्व में ही गांव में मुनादी के माध्यम से उपलब्ध करा दी जाए। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए की जिन किसानों का बैंक खाते में आधार सीडिंग नहीं है उन्हें बैंक के माध्यम से आधार सीडिंग एनपीसीआई डीबीटी इनेबल के साथ कराएं एवं जिन किसानों का भूलेख मैपिंग नहीं है तहसील को सूची उपलब्ध कराते हुए उनकी भूलेख मैपिंग समय पर तरीके से कर लिया जाए जो किसान नए आवेदन किए हैं उनका प्रत्येक दिवस सत्यापन तहसील एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों से कराया जाए और उसकी रिपोर्ट प्रतिदिन उन्हें प्रस्तुत की जाए। इसी प्रकार बखिरा झील क्षेत्र में आधुनिक कृषि जिसमें एग्रो इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए उन परियोजनाओं पर कृषक उत्पादक संगठनों के माध्यम से प्रचार प्रसार, गोष्टी, छोटे-छोटे समूह का निर्माण करते हुए गांव के किसानों को जोड़कर उन्हें आधुनिक कृषि में लाया जाए जिससे कि उनकी आमदनी में वृद्धि हो और क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिले।
इस अवसर पर उप कृषि निदेशक डा.राकेश कुमार सिंह, भूमि संरक्षण अधिकारी सीपी सिंह, जिला कृषि रक्षा अधिकारी शशांक, जिला कृषि अधिकारी पीसी विश्वकर्मा सहित सम्बंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
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