भावी विकास परियोजनाओं के लिए 200 एकड़ का लैंड बैंक तैयार कराकर विदा हो रहे कृष्णा करुणेश
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
तीन साल से अधिक समय तक गोरखपुर के जिलाधिकारी रहे कृष्णा करुणेश सुनहरी स्मृतियों के साथ विदा हो रहे हैं। उन्हें तमाम जटिल मुद्दों का समाधान कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकास के विजन को धरातल पर उतारने के लिए याद किया जाएगा।
गोरखपुर के डीएम रहे कृष्णा करुणेश का तबादला नोएडा प्राधिकरण में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के रूप में हो गया है। उन्होंने यहां लगभग 3 साल 2 महीने का कार्यकाल पूरा किया। कार्यकाल के दौरान वह विवादों से दूर रहे। विकास से जुड़ी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हर इच्छा को उन्होंने सुव्यवस्थित कार्ययोजना के मुताबिक अमलीजामा पहनाया। उनके कार्यकाल में राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हुए। जबकि मुख्यमंत्री के कई कार्यक्रम चौबीस घंटे से कम की सूचना में भी सफलतापूर्वक आयोजित हुए।
विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए कम समय में जमीन उपलब्ध कराना उनके कार्यकाल की बड़ी सफलता रही। मसलन,
गोरखपुर में 2018 में ही वेटरनरी कालेज की स्थापना का निर्णय हो चुका था लेकिन उसके लिए जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रही थी। गोरखपुर डीएम के रूप में कार्यभार संभालने के बाद कृष्णा करुणेश ने जमीन उपलब्ध कराई। वाराणसी मार्ग पर 100 एकड़ जमीन निशुल्क दी गई है। यहीं पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के लिए भी लगभग इतनी ही जमीन दी गई है।
लो लैंड एरिया होने के कारण गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण बड़ी चुनौती थी। सबसे ज्यादा परेशानी मिट्टी भराई की थी। इस चुनौती से सफलतापूर्वक निपटने में भी उनकी भूमिका को याद किया जाएगा।
डीएम रहते कृष्णा करुणेश ने पीएसी की महिला बटालियन के लिए जमीन उपलब्ध कराई। एनसीसी के सेंटर, स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स की द्वितीय वाहिनी, पुलिस ट्रेनिंग स्कूल को भी जमीन दी। नए कलेक्ट्रेट का काम शुरू हुआ। प्रदेश के पहले वानिकी विश्वविद्यालय के लिए भी जमीन चिह्नित की गई है। इसके साथ ही होमगार्ड ट्रेनिंग सेंटर के लिए भी जमीन मिली। उन्होंने जिले में भावी विकास परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए 200 एकड़ का लैंड बैंक भी तैयार कराया।
जिलाधिकारी के रूप में कृष्णा करुणेश सरकारी जमीन को मुक्त कराने में सफल रहे। भटहट क्षेत्र में लगभग 94 एकड़ जमीन को ढूंढकर उसे सरकारी दर्ज कराने में कामयाब रहे। इसके अतिरिक्त सीलिंग की कई जमीन पर प्रशासन का कब्जा हुआ।
सड़क परियोजनाओं के लिए अधिग्रहण तेज कराने के लिए भी कृष्णा करुणेश याद किए जाएंगे। किसानों के विरोध को शांत कर उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया और उसके बाद तेजी से विकास कार्य भी हो रहे हैं। जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन रिंग रोड इसकी नजीर है। अपने कार्यकाल में उन्होंने रोड इंफ्रास्ट्रक्चर की कई परियोजनाओं को स्वीकृति दिलाने और उन्हें प्रगतिमान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह कर्मचारियों के बीच खासे लोकप्रिय रहे।
कानून व्यवस्था की बेहतरी में भी कृष्णा करुणेश का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने 400 से अधिक अभियुक्तों पर गैंगस्टर एक्ट की पुलिसिया कार्यवाही को अनुमोदित कर पुलिस का इकबाल बुलंद किया।
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