Friday, December 26, 2025
Homeउत्तर प्रदेशडीएम व भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान वैज्ञानिक ने गोसदन मधवलिया का...

डीएम व भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान वैज्ञानिक ने गोसदन मधवलिया का किया स्थलीय निरीक्षण

महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। गोसदन मधवलिया को स्वावलंबी बनाने और जनपद के गोआश्रय स्थलों को हरे चारे की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु जिलाधिकारी अनुनय झा ने भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान झांसी के वैज्ञानिकों के साथ गोसदन मधवलिया का स्थलीय निरीक्षण किया और उनके साथ विस्तृत चर्चा की।
जिलाधिकारी ने भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों से गोसदन को चारा उत्पादन में और चारा बीज विकास की दृष्टि से स्वावलंबी बनाने पर विस्तार से चर्चा करते हुए उनके विचारों को सुना। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को अनुसंधान केंद्र की स्थापना हेतु जल्द से जल्द प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने चारा उत्पादन हेतु आवश्यक भूमि को तैयार करने हेतु भूमि संरक्षण अधिकारी को भी डीपीआर भेजने का निर्देश दिया। तत्काल चारा उत्पादन हेतु भूमि की जुताई करने के लिए कृषि विभाग को निर्देशित किया तथा कहा कि सभी आवश्यक कार्य मार्च के अंत तक संबंधित अधिकारी पूर्ण करना सुनिश्चित करें।
इससे पूर्व कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि आरंभिक तौर गोसदन मधवालिया में एमपी चरी,गिनी घास, नेपियर हाइब्रिड, दशरथ घास आदि बहुवर्षीय घास का उत्पादन लगभग 35 एकड़ में किया जाएगा। साथ ही शासन द्वारा स्वीकृत होने के उपरांत यहां पर चारा अनुसंधान केंद्र की भी स्थापना होगी, जो पौष्टिक चारे के उत्पादन हेतु शोध का कार्य करेगी। इस हेतु डिप्टी सीवीओ निचलौल और जिला कृषि अधिकारी को आवश्यक प्रशिक्षण हेतु भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान झांसी भेजा जाएगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि इससे न सिर्फ गोसदन मधवलिया बल्कि जनपद के अन्य गोआश्रय स्थलों को भी पौष्टिक चारे की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। साथ ही विपरीत ऋतुओं में भी हरे चारे की उपलब्धता को साइलेज के माध्यम से सुनिश्चित किया जा सकेगा।
भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान झांसी के वैज्ञानिक डॉ अवनींद्र कुमार सिंह ने बताया कि आईजीएफआरआई झांसी पूरी परियोजना में वैज्ञानिक और तकनीकी सलाहकार का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि गोसदन मधवलिया में न सिर्फ जनपद की चारा आवश्यकता बल्कि सम्पूर्ण पूर्वांचल की चारा आवश्यकता को पूरा करने की क्षमता रखता है। जिला प्रशासन की यह पहल बेहद सराहनीय है और निश्चित जनपद सहित प्रदेश में गो संरक्षण और संवर्द्धन की दिशा में यह मील का पत्थर साबित होगा।
इस दौरान मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ यूएन सिंह, आईजीएफआरआई के कृषि वैज्ञानिक डॉ आर.बी. कुमार व डॉ एस.के. सिंह, उपनिदेशक कृषि रामशिष्ट, जिला कृषि अधिकारी वीरेंद्र कुमार, एसडीएम निचलौल मुकेश कुमार सिंह, बीडीओ निचलौल शमा सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहें।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments