
कई अधिकारियों का वेतन रोका
10 जुलाई तक निर्माण कार्य शुरू कराने का अल्टीमेटम
बलिया(राष्ट्र की परम्परा)
जिले के ग्रामीण विकास कार्यों को लेकर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह अब पूरी तरह एक्शन मोड में आ गए हैं। मंगलवार देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में हुई एक अहम समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने पंचायत भवनों के निर्माण में हो रही देरी और लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।
बैठक में जिला पंचायतराज अधिकारी ने जानकारी दी कि जिले की 25 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां पंचायत भवन निर्माण अब तक शुरू नहीं हो सका है, क्योंकि भूमि ही उपलब्ध नहीं कराई गई है। यह सुनकर जिलाधिकारी का पारा चढ़ गया।
लापरवाह अधिकारियों पर चला वेतन रोकने का डंडा
भूमि चिन्हांकन में हीला-हवाली और गैरजिम्मेदार रवैये पर नाराज़ जिलाधिकारी ने सदर, बांसडीह और बैरिया तहसीलों के उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल, ग्राम पंचायत सचिवों समेत सभी संबंधित खण्ड विकास अधिकारियों और एडीओ (पंचायत) का वेतन तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने सख्त लहजे में कहा,
“जब तक भूमि चिन्हित नहीं हो जाती, तब तक वेतन भुगतान नहीं होगा।”
10 जुलाई तक काम शुरू न हुआ तो होगी कड़ी कार्रवाई
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि 10 जुलाई तक हर हाल में पंचायत भवनों का निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाए, अन्यथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
रामपुर मसरिक के नाम पर फर्जी विकास कार्य पर जताई सख्त नाराजगी
बैठक के दौरान जब ग्राम पंचायत रामपुर मसरिक के पंचायत भवन की स्थिति पर चर्चा हुई, तो सामने आया कि यह गांव अब नदी में समाहित हो चुका है और उसके लोग अब छपरा सारीब में बस गए हैं। आश्चर्य की बात यह रही कि अभी भी रामपुर मसरिक के नाम पर विकास कार्यों की धनराशि खर्च की जा रही है।
इस पर जिलाधिकारी ने गहरी आपत्ति जताते हुए पूछा,
“जब गांव ही नहीं रहा, तो पैसा आखिर खर्च कहां हो रहा है?”
उन्होंने जिला पंचायतराज अधिकारी को शासन को विस्तृत रिपोर्ट भेजने के निर्देश भी दिए।
समर्पित प्रधानों को मिलेगा सम्मान
बैठक में जिलाधिकारी ने उन ग्राम प्रधानों की सराहना की जिन्होंने पंचायत भवन निर्माण के लिए अपनी निजी भूमि दान में दी है या स्वयं प्रयास कर भवन निर्माण कराया है। उन्होंने निर्देश दिए कि
“ऐसे जागरूक ग्राम प्रधानों को जिले स्तर पर सम्मानित किया जाए, ताकि अन्य लोग भी प्रेरणा ले सकें।”
रियल टाइम खतौनी अपडेट न करने वालों पर गाज
जिलाधिकारी ने समीक्षा के दौरान पाया कि कुछ लेखपाल और कानूनगो अब भी रियल टाइम खतौनी अपडेट नहीं कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे सभी अधिकारियों का भी वेतन रोकने का निर्देश जारी किया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज, अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार, मुख्य राजस्व अधिकारी त्रिभुवन, तीनों उप जिलाधिकारीगण, तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी, लेखपाल, सचिव, तथा अनेक ग्राम प्रधान उपस्थित रहे।
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