बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा)06 अक्टूबर…जिलाधिकारी डॉ महेन्द्र कुमार ने विगत दो दिन से लगातार हो भारी बारिश के दृष्टिगत जनसामान्य से अपील की है कि अतिवृष्टि के दौरान सतर्क रहें और ऐसे स्थानों पर ना जाए जहाँ जलभराव की स्थिति बनती है। गहरे स्थानों , नदी , नालों नहरों , तालाब , जैन , कुंए इत्यादि स्थानों पर जाने से बचें तथा प्रशासन द्वारा जारी दिशा – निर्देशों को मानें और प्रशासन का सहयोग करें। पुराने जर्जर भवन के नीचे निवास न करें । उन्होंने कहा कि बारिश और खराब मौसम के दौरान यथासंभव अतिआवश्यक हो तभी घर से बाहर निकलें तथा जलभराव वाले स्थानों पर जाने से बचें । बारिश के दौरान बिजली के खंभों में करट उतरने की संभावना अत्यधिक रहती है . इसलिए बिजली के खंभों के किनारे कतई न जाये नदी , नालों नहरों , तालाबों में कतई न जाएं तथा बच्चों पर विशेष निगरानी रखें कि जलभारव वाले स्थान पर न जाने पाएं ।
👉जलभराव वाले स्थानों व बिजली के खंभों से बनाएं दूरी – डीएम
वहीं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा भारी बारिश के दृष्टिगत एडवाइजरी जारी कर बचाव व सुरक्षा के उपाय बताए गए हैं । जिला आपदा विशेषज्ञ अरूण सिंह ने बताया है कि भारी वर्षों से नदी के निचले हिस्से में अचानक जलस्तर बढ़ सकता है , चाहे उस इलाके में इतनी अधिक बारिश न भी हो रही हो । ऐसी स्थितियों में कृपया छोटी नदियों और नालों से दूर रहने की आवश्यकता है । हमें नदियों के किनारे या धान के खेतों के नजदीक वाहन चलाने से बचना चाहिए । नदियों में उफान आने या धान के खेतों में पानी भर जाने पर यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि सड़क और पानी के बीच की सीमा कहाँ है जरा सी चूक होने पर वाहन नदी या खेत में गिर सकता है । अतीत में आये आंधी – तूफानों और मूसलाधार वर्षों के दौरान कुछ लोगों की इसी प्रकार मौत हुई थी । ध्यान रखें कि मूसलाधार बारिश के समय आप जिस सड़क से पलायन करें वह सुरक्षित हो , फिर भले ही आप उस सड़क से अच्छी तरह वाकिफ क्यों न हो । जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जनसामान्य को आकाशीय बिजली से बचाव हेतु दामिनी एप का प्रयोग करने की सलाह दी गई है । किसानों और पशुपालकों को सलाह दी गई है कि अपने मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर रखें । जलभराव के कारण सर्पदंश की घटनाएं संभावना भी बढ़ गई है . ऐसे घरों में सावधानी बरते तथा सांप काटने पर तुरन्त अपने निकटतम सीएचसी या जिला अस्पताल जाकर एन्टी स्नेक वेनम का इंजेशन लगवाएं । यह भी सलाह दी गई है कि भारी बारिश की स्थिति में तलघरों और भूमिगत सुविधा केंद्रों से हट जायें यदि किसी कारण से आपको भूमिगत रहना पड़े तो नवीनतम भौसम की जानकारी और स्थानीय सरकारों की चेतावनी पर नजर बनाए रखें और सुनिश्चित करें कि बाढ़ आने की संभावना होने पर जमीन से ऊपर पहुँच जायें मूसलाधार बारिश की स्थिति में चलघरों , भूमिगत शॉपिंग मॉल या गाड़ी खड़ी करने की जगहों में बड़ी मात्रा में पानी भरना शुरू हो सकता है । भूमिगत होने की स्थिति में हम अधिकतर यह नहीं जान पाते कि ऊपर क्या हो रहा है । इसका अर्थ है कि भारी बारिश या बाद की स्थिति में समय पर अपना स्थान खाली करने में विफल हो सकते हैं । एक बार जब पानी भूमिगत सुविधा केंद्रों में बहने लगता है तो जल प्रवाह का सामना करते हुए सीढ़ियाँ चढ़ना बहुत मुश्किल हो जाएगा । बाढ़ से बिजली की आपूर्ति ठप हो सकती है और लिफ्ट चलना भी रुक सकती है । अंधेरे की स्थिति , में भीड़ में दहशत भी पैदा हो सकती है । उदाहरण के लिए जब तहखाने से निकलने वाले दरवाजों के बाहर 50 सेंटीमीटर गहरा पानी जमा हो तो दरवाजे पर पानी का कुल दबाव 100 किलोग्राम तक पहुँच सकता है जब बाहर पानी का स्तर लगभग 10 सेंटीमीटर ही हो तो बच्चों और बुजुर्गों के लिए दरवाजा खोलना काफी मुश्किल हो जाता है जब बाहर लगभग 30 सेंटीमीटर गहरा पानी हो तो वयस्कों के लिए भी दरवाजा खोलना मुश्किल होता है । नगर क्षेत्र में निचले इलाकों और मैनहोल से सावधान रहें । जब वर्षा , जल निकासी क्षमता से अधिक होती है , तो सीवर पाइपों या नालों में बहने वाले वर्षा जल का दबाव मैनहोल बढ़ जाता है । नालों या गटर में बहने वाले पानी का स्तर भी बढ़ सकता है । ऐसे में निचले इलाकों या संकरी सड़कों पर पानी जमा हो जाता है । कभी – कभी इस जल का प्रवाह नदी जितना तेज हो सकता है , जिससे व्यक्ति का संतुलन बिगड़ सकता है । जब आसपास के क्षेत्र जलमग्न हो तो आपको जितना संभव हो अपना स्थान बदलने से बचना चाहिए । यदि आपको जगह बदलने की आवश्यकता हो , तो दो या उससे अधिक लोगों के समूह में ही ऐसा करें छतरी या डंडे से जमीन का जायजा लेते हुए धीरे – धीरे चलें । में जलमग्न सड़कों पर वाहन चलाना खतरनाक होता है । सड़क पर भरा पानी कोई बड़ी समस्या न लगने पर भी हो सकता है कि पानी काफी गहरा हो । ऐसी स्थिति में पानी में कार के रुक जाने या कार के बह जाने का खतरा होता है । इसके अलावा , जब सड़क पर पानी भरा होता है और सड़क की सतह नहीं दिखती तब अनजाने में गों , नालियों और सिंचाई की नहरों में गाड़ी के गिर जाने का खतरा रहता है । ऐसे में जलमग्न सड़कों पर न जाकर कोई अलग रास्ता लें । यदि बाढ़ग्रस्त या जलभराव वाली सड़क पर जाना ही पड़े तो कार की रफ्तार धीमी रखें तथा आगे चल रही कार और अपनी कार के बीच पर्याप्त दूरी बनाकर चलें । ऐसा इसलिए क्योंकि सामने की कार से उछलता पानी आपकी दृष्टि पूरी तरह बाधित कर सकता है और यदि आगे चल रही कार ने अचानक ब्रेक लगायी तो आपके उस कार से टकराने का खतरा हो सकता है । इसलिए बारिश के दौरान बचाव हेतु बताए गए विभिन्न उपायों को अपनाएं और सुरक्षित रहें ।
संवाददाता बलरामपुर…
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