Friday, October 31, 2025
Homeउत्तर प्रदेशपीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के संबंध में जनपद स्तरीय लिंग संवेदीकरण बैठक संपन्न

पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के संबंध में जनपद स्तरीय लिंग संवेदीकरण बैठक संपन्न

अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों से भ्रूण हत्या/लिंग परीक्षण पर रोक लगाने का किया अपील

लिंगानुपात सुधारने में करें सहयोग:- जिलाधिकारी

मऊ (राष्ट्र की परम्परा)। शुक्रवार को जिलाधिकारी
प्रवीण मिश्र की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 को लेकर जनपद स्तरीय लिंग संवेदीकरण बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राहुल सिंह ने बताया कि हमारे देश का कुल लिंगानुपात 940 महिला प्रति हजार पुरुष है, परंतु उत्तर प्रदेश का लिंगानुपात 912 प्रति हजार है। उन्होंने बताया कि जनपद मऊ का लिंगानुपात 979/1000 है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जनपद में कुल 82 अल्ट्रासाउंड सेंटर पंजीकृत है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 987 तथा शहरी क्षेत्र में कुल 951 महिलाएं प्रति 1000 पुरुषों पर हैं। उन्होंने कहा कि चिंताजनक स्थिति बच्चों के लिंगानुपात में है जो की जनपद में 926 है। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों से अपील किया कि लिंग परीक्षण करने वाली महिलाओं को समझाएं। इसके अलावा किसी प्रकार के दबाव या लालच में काम ना करें। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर अल्ट्रासाउंड मशीनों की संख्या बढ़ती गई वहां पर लिंगानुपात में गिरावट आनी शुरू हुई या जहां लोग ज्यादा सक्षम हुए वहां पर भी लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है। जनपद का वर्तमान आंकड़ा बहुत पहले जन्म लेने वालों के कारण है। आगे हमें सजग होना पड़ेगा नहीं तो आने वाले दिनों में लिंगानुपात में गिरावट और देखने को मिलेगी जैसा कि बच्चों की लिंगानुपात में देखने को मिल रही है।उन्होंने संचालकों से अपील की कि आपकी नैतिक जिम्मेदारी है कि कोई भी लिंग परीक्षण की बात करें उसे स्पष्ट मना कर दें। लड़कियों की संख्या कम होने पर लोगों का सामाजिक, नैतिक पतन भी होता है। उन्होंने अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों की भूमिका के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि लिंगानुपात सुधारने तथा सामाजिक,नैतिक पतन रोकने के साथ ही साथ आप देश की सेवा भी कर सकते हैं। इसके अलावा पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के प्रावधानों का भी पालन करने हेतु उन्होंने समस्त अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों को कहा।जिलाधिकारी ने कहा लिंग परीक्षण मानवीय संवेदना के विपरीत होने के साथ ही एक अपराध भी है जिसके करण लाइसेंस निरस्तीकरण के साथ ही साथ सजा एवं जुर्माना का भी प्रावधान है। उन्होंने समस्त अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों से अपील की कि जनपद में लिंगानुपात बेहतर बनाने हेतु सहयोग करें तथा भ्रूण हत्या जैसे पाप से बचे। बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी, समस्त डिप्टी सीएमओ, सीएमएस तथा जनपद में संचालित समस्त अल्ट्रासाउंड केंद्र के संचालक भी उपस्थित रहे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments