बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। गंगा व सहायक नदियों में पर्यावरणीय प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण एवं उपशमन और जल के सतत पर्याप्त प्रवाह को सुनिश्चित करने, वित्तीय वर्ष में पौधरोपण, जनपद को प्लास्टिक मुक्त बनाये जाने व जनपद में नदी के किनारे बसे किसानों को जैविक खाद के प्रयोग हेतु प्रेरित करने तथा औद्योगिक प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मोनिका रानी की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण एवं जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक सम्पन्न हुई।वर्षाकाल 2023 में रोपित किये जाने वाले पौधों की जीवितता, सुरक्षा, सिंचाई तथा समुचित रख-रखाव की समीक्षा के दौरान प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच संजय शर्मा ने बताया कि विभागों की ओर से रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो रही है,इस स्थिति पर डीएम ने कडी नाराज़गी व्यक्त करते हुए डीएफओ को निर्देश दिया कि 30 नवम्बर तक रिपोर्ट न प्रेषित करने वाले अधिकारियों का वेतन बाधित करने कार्यवाही अमल में लायी जाय और 2024-25 के वर्षाकाल 2024 हेतु 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित कर समय से तैयारी प्रारम्भ कर दी जाय।
डीएम ने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नदी तथा जंगल के किनारे बसे गांवों को प्राथमिकता के आधार पर स्वच्छ शौचालयों से आच्छादित किया जाय ताकि पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं में भी कमी लाई जा सके।इस अवसर पर मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश कुमार मिश्र, नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर, उप जिलाधिकारी सदर प्रिंस वर्मा, कैसरगंज के पंकज दीक्षित, महसी के राकेश कुमार मौर्या, पयागपुर के दिनेश कुमार, नानपारा के अजित परेश, मिहींपुरवा के संजय कुमार, डिप्टी कलेक्टर डॉ. पूजा चौधरी, प्रशिक्षु पीसीएस ज्योति चौरसिया, डीसी मनरेगा के.डी. गोस्वामी, नोडल सरयू नहर दिनेश कुमार, अधिशाषी अभियन्ता सरयू ड्रनेज खण्ड शोभित कुशवाहा, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार, पर्यावरण समिति के सदस्य उत्कर्ष श्रीवास्तव, डिम्पल जैन सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
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