डीएम ने डेंगू से बचाव को लेकर सावधानी बरतने की जनपदवासियों से की अपील
गोण्डा /(राष्ट्र की परम्परा)।बारिश समाप्ति के बाद एवं बदतले मौसम के साथ डेंगू एवं संक्रामक रोगों के फैलने की संभावना बढ़ गई है। डेंगू एवं संक्रामक रोगों से बचाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गोण्डा द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। जिलाधिकारी डॉ उज्ज्वल कुमार ने जनपदवासियों से अपील करते हुए कहा है कि डेंगू और अन्य संक्रामक रोगों से बचने के लिए इस समय विशेष सावधनी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि डेंगू के बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। मच्छर के द्वारा संचारित होने वाला यह बुखार कभी-कभी घातक भी सिद्ध होता है। इसके तीव्र लक्षण कभी-कभी कुछ समय बाद देखे या महसूस किए जाते हैं, हालांकि यदि इनकी समय पर पहचान कर ली जाये तब इससे बचाव या उपचार करने में मदद भी मिल सकती है। अक्सर डेंगू के लक्षण सामान्य फ्लू या वायरल बुखार से मिलते जुलते लगते हैं, इसलिए लक्षणों के आधार पर इनकी पहचान कर ली जानी चाहिए और सही पहचान के लिए तुरंत एक ब्लड टेस्ट करवा लेना चाहिए तथा डेंगू के प्रारम्भिक लक्षणों को कभी नजर अंदाज न करें।
जिलाधिकारी ने डेंगू के लक्षणों के बारे में बताते हुए कहा कि सामान्य रूप से देखे जाने वाले डेंगू के लक्षणों में जोड़ों और मांस पेशियों में दर्द, शरीर पर चकत्ते होना, तेज सिरदर्द होना, आंखों में बेचौनी होना, उल्टी होना या महसूस होना हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से कोई भी लक्षण महसूस करते हैं तब तुरंत सलाह के लिए डॉक्टर के पास जाएँ और आवश्यक इलाज शुरू करवा दें। अपने रहने की जगह और उसके आस पास के इलाकों में सम्पूर्ण स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। अपने आसपास की जगहों को साफ करके रखने से आप मच्छरों को सरलता से दूर रख सकते हैं।
डेंगू से बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए जिलाधिकारी ने सुुझाव दिए कि डेंगू के लक्षण दिखते ही सबसे पहले अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। कूलर, पानी की टंकी, गमले या पानी जमा होने वाली जगह की नियमित रूप से सफाई करें। किचन से निकलने वाले कचरे को काफी दिन तक जमा न होने दें। इसकी जगह पर रोजाना इस ठोस कचरे को बाहर करें। सोते समय मच्छरदानी में ही सोएं क्योंकि ये मच्छरों से बचने का एक बेहतर विकल्प है। फुल स्लिव्स यानी पूरे बाजू के कपड़े पहनें और गंदी जगह से दूर रहें। पानी को किसी जगह इकठ्ठा न होने दें। किसी जगह पर रुके हुए पानी में मच्छर पनप सकते हैं और इसी से डेंगू भी फैल सकता है। जिन बर्तनों का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं होना हो उनमें रखे हुए पानी को नियमित रूप से बदलते रहें। गमलों के पानी को हर हफ्ते बदलते रहें। मेनहोल, सेप्टिक टैंक, रुकी हुई नालियाँ और कुएं आदि जगहों को नियमित रूप से चेक करते रहें। इसके अलावा मच्छर मारने वाली मशीन और जाली का उपयोग भी कारगार उपाय है। मच्छरों से बचाव के लिए सबसे पहले तो जब भी आप घर से बाहर जाएँ मच्छर से बचाव वाली क्रीम का उपयोग करें और सोने से पहले मच्छरदानी को अच्छी तरह से सेट कर लें।
More Stories
डीडीयू: शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों की कविताओं को प्रकाशित करेगा अंग्रेजी विभाग
सपा जिला उपाध्यक्ष की मां की मृत्यु राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जताया शोक
जिला जेल में निरुद्ध कैदी की कैंसर से जिला चिकित्सालय में हुई मृत्यु