November 21, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ पर बेरोजगार नौजवानों, कर्मचारी व मजदूरों के हित पर हुई चर्चा

  • पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) के केंद्रीय कार्यालय पर आयोजित हुआ ध्वजारोहण
  • मजदूर संघों को मान्यता देने के लिए गुप्त मतदान की तिथियां घोषित करे सरकार : विनोद

राजापाकड़ कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)..

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के केंद्रीय कार्यालय पर स्वतंत्रता दिवस समारोह उल्लास पूर्ण वातावरण में राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर मनाया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संरक्षक राधेश्याम सिंह ने कहा कि आज हम आजादी की छिहत्तर वीं वर्षगांठ मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। 1947 से लेकर आज तक भारत ने विकास और समृद्धि की एक लम्बी और कठिन यात्रा तय की है लेकिन अभी हमारी यह यात्रा अधूरी है क्योंकि जो सपना गांधी, नेहरू, अम्बेडकर और लोहिया ने देखा था वो अभी अधूरा है इसका कारण हमारे नीति नियंताओं की नीयत में इमानदारी का न होना है। संघ के अध्यक्ष माधव प्रसाद शर्मा ने कहा कि देश का लोकतंत्र आज संकट के दौर से गुजर रहा है। मौजूदा सरकार की नीतियों के चलते हमारे देश के युवा आज एक भीड़ में तब्दील हो गए हैं। यह प्रवृत्ति खतरनाक है, जिससे हमें बचना है।


युवाओं के भविष्य को संवारने का सबसे बड़ा साधन रेलवे है, इसलिए इसका महफूज रहना जरूरी है। प्रवक्ता एके सिंह ने कहा स्वतंत्रता की कीमत केवल वो लोग जानते जो गुलाम रहते हैं। गुलामी किसी मुल्क का दूसरे मुल्क पर केवल कब्जा ही नहीं है, गरीब और आम आदमी के हक और हुकूक पर व्यक्तियों और संस्थाओं द्वारा जबरन डाका डालना गुलाम बनाने जैसा है। देश के युवाओं के स्थाई रोजगार की संविदा पर काम कराया जाना भी गुलामी है। मजदूरों को वाजिब मजदूरी से वंचित करना गुलामी की पराकाष्ठा है। जबतक भारत ऐसी विषमताओं के जकड़न में रहेगा तब तक ऐसे अमृत महोत्सव का कोई मतलब नहीं है। चूंकि कि हम ट्रेड यूनियन से जुड़े लोग हैं, इसलिए हमें उन सभी सभी सार्वजनिक संस्थानों को बचाने की लड़ाई मजबूती से लड़नी होगी। अब हमें अपनी चुप्पी भी तोड़नी होगी ।
संघ के महामंत्री विनोद कुमार राय ने कहा कि नौकरशाह जिस तरह से बेलगाम हो कर मजदूरों का दमन कर रहे हैं उसे देखकर कैसे कहें कि हम आजाद हैं। उन्होंने कहा कि मंडलों में अधिकारी तानाशाह बन कर काम कर रहे हैं। वाणिज्य विभाग में आवधिक स्थानांतरण के नाम पर व्यापक पैमाने पर धन उगाही और शोषण किया जा रहा है। वातानुकूलित यान स्कोर्ट कर्मचारियों को 36 से 40 घंटे तक काम करने के लिए कोई जगह आवंटित की जा रही और बाहरी मुख्यालय पर उनके लिए विश्रामालयों की व्यवस्था नहीं है उन्हें बंजारों की इधर से उधर घूमना पड़ता है। उन्होंने कहा कि मेडिकली डिकैटेगराईज लोगों को उनके मूल पद से दूसरी जगह भेजने और कैडर आवंटन में जानबूझकर कर देरी किया जा रहा है। जानबूझकर कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ की भर्ती नहीं की जा रही है। डीजल लाबियों में अराजकता की स्थिति है, मान्यता प्राप्त संगठन के लोग प्रशासन की साठ गांठ कर दूसरे संगठन के पदाधिकारियों का स्थानान्तरण करा रहे हैं। श्री राय ने कहा कर्मचारी हित की पत्रावलियों को जानबूझकर विलम्बित किया जा रहा है। विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों का पत्रावलियों के निस्तारण में टालू रवैया चिंता का सबब है, इस प्रवृत्ति को त्यागना होगा। उन्होंने कहा कि जबसे यह सरकार आई है, तभी से उसने मजदूर आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास जारी रखा है। इसलिए जबतक हम मजदूरों की बड़ी और मजबूत जमात नहीं बनाएंगे तब तक हम सरकार की दमनकारी नीतियों का मुकाबला नहीं कर पाएंगे। किसी भी देश में चुनाव का रोका जाना, उस देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला होता है, यह सरकार रेलवे संगठनों के मान्यता के गुप्त मतदान को रोक कर गैरलोकतांत्रिक कार्य कर रही है। इसलिए हम इस स्वतंत्रता दिवस पर मांग करते हैं कि रेलवे के मजदूर संघों को मान्यता देने के लिए गुप्त मतदान की तिथियां घोषित की जाएं। आरपी भट्ट, विनीत कुमार सिंह, दुर्गेश श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया।इस दौरान सतीश अवस्थी, अरूण शुक्ला, देवेंद्र यादव, मनोज कुमार द्विवेदी, दीपक चौधरी, अनवर अली, कुलदीप मणि, राजीव कुमार सिंह, अवध बिहारी पांडे, हेमंत कुमार, अजय त्रिपाठी, सत्येन्द्र गोस्वामी, इश्वर चंद विद्यासागर, दीपचंद, दिलीप कुमार, देवेश सिंह, अजीत सिंह, अंशुमन पाठक, जयप्रकाश सिंह, शंकर चौधरी, शैलेश सिंह, एसपी शर्मा, राजेश सिंह, वैभव, उमेश सिंह, दिलीप, संजय श्रीवास्तव, प्रदीप, राजन सिंह, एसके सिंह सहित तमाम नेता और कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

संवादाता कुशीनगर…