बाल योगी पचौरी जी महाराज ने सुनाई भक्ति, प्रेम और त्याग की अद्भुत व्याख्या
संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जिला मुख्यालय के औद्योगिक क्षेत्र में चल रहे नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस की कथा श्रद्धा, उत्साह और भक्ति भाव से ओत-प्रोत माहौल में संपन्न हुई। कथा का आयोजन भारत-तिब्बत समन्वय संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानाचार्य रामकुमार सिंह के सौजन्य से किया जा रहा है।


चतुर्थ दिवस की कथा में वृंदावन धाम से पधारे राष्ट्रीय संत बाल योगी पंचौरी जी महाराज ने गजेंद्र मोक्ष, भगवान मोहिनी अवतार, भगवान वामन अवतार, भगवान राम अवतार, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव और नंदोत्सव की दिव्य लीलाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन किया।
महाराज ने कहा कि गजेंद्र मोक्ष कथा इस बात का संदेश देती है कि संकट की घड़ी में जब मनुष्य सच्चे हृदय से प्रभु का स्मरण करता है, तो भगवान स्वयं उसकी रक्षा के लिए प्रकट होते हैं। उन्होंने बताया कि मोहिनी अवतार यह दर्शाता है कि भगवान जब-जब आवश्यक होता है, तब-तब अपनी सृष्टि की रक्षा के लिए नए रूप में अवतरित होते हैं।
वामन अवतार की कथा सुनाते हुए महाराज ने कहा कि भगवान विष्णु ने एक छोटे ब्राह्मण बालक का रूप धारण कर राजा बलि को दान की मर्यादा का अद्भुत संदेश दिया। इसी तरह राम अवतार की कथा में उन्होंने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जीवन सत्य, संयम और धर्म का प्रतीक है।
कथा के अंतिम चरण में जब श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा प्रारंभ हुई, तो पूरा पंडाल “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” के जयकारों से गूंज उठा। बाल योगी पंचौरी जी महाराज ने भावपूर्ण शैली में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का वर्णन किया तो श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। इसके उपरांत नंदोत्सव मनाया गया, जिसमें उपस्थित श्रद्धालुओं ने उत्सवमय वातावरण में झूमकर भजन गाए और प्रसाद वितरण किया गया।
कथा के दौरान श्रद्धालुओं ने भक्ति, प्रेम और त्याग की महिमा को आत्मसात किया। पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा और आनंद से भर गया।
इस अवसर पर कथा परीक्षित उर्मिला सिंह, रामकुमार सिंह के साथ डॉक्टर के. के. सिंह, रमाशंकर सिंह, मुन्नी देवी, डॉ. श्याम कुमार सिंह, एमएलसी संतोष कुमार सिंह, जिलाधिकारी आलोक कुमार, एमएलसी प्रतिनिधि इंजीनियर सुधांशु सिंह, अयांश बाबू सहित अनेक गणमान्यजन एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।