
कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)
तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत पगरा बसंतपुर के ब्रह्म स्थान पर आयोजित नौ दिवसीय रामकथा अमृतवर्षा व अखंड हरिकीर्तन के द्वितीय दिन, कथावाचिका सत्यामणि त्रिपाठी ने श्रोताओं को कथा श्रवण का महत्व बताते हुए कहा कि श्रीरामचरित मानस की कथा श्रवण से मन के विकार धुल जाते हैं। व्यक्ति का मन, विचार एवं आचरण पवित्र हो जाता है। जहां पवित्रता है वहीं ईश्वर होता है।
कथावाचिका ने कहा कि पृथ्वी पर जब-जब असुरों का आतंक बढ़ा है, तब-तब ईश्वर ने किसी न किसी रूप में अवतार लेकर संहार किया है। जब धरा पर धर्म के स्थान पर अधर्म बढ़ने लगता है तब धर्म की स्थापना के लिए ईश्वर को आना पड़ता है। भगवान राम ने भी पृथ्वी लोक पर आकर धर्म की स्थापना की। कहा कि जब अयोध्या में भगवान राम का जन्म होने वाला था तब समस्त अयोध्या नगरी में शुभ शगुन होने लगे। भगवान राम का जन्म होने पर अयोध्या नगरी में खुशी का माहौल हो गया, चारों ओर मंगल गान होने लगे,राम जन्म की कथा सुन श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। इस दौरान मुख्य यजमान राजकिशोर गोड़, गिरजाशंकर, नगनरायन सिंह, महातम कुशवाहा, अनिरुद्ध सिंह, सुदामा गुप्ता, मुन्ना सिंह, आनन्द सिंह, छोटे सिंह, अमरनाथ प्रजापति, ओमप्रकाश गुप्ता, अशोक गुप्ता, कलावती देवी, रंभा देवी, सीमा देवी, विमलादेवी, रागनी देवी, शीला देवी, सरोज देवी, सुष्मिता कुमारी आदि मौजूद रहे।
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