बरहज/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने की दिशा में चलाए जा रहे “विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047 – समृद्धि का शताब्दी वर्ष महाभियान” के तहत शनिवार को नगर पालिका परिषद गौरा बरहज के प्रांगण में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पालिका अध्यक्ष श्वेता जायसवाल ने की।
गोष्ठी में शामिल हुए गणमान्यजन
कार्यक्रम में आश्रम पीठ के पीठाधीश्वर आनजनेय दास, भाजपा जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह, जिला उपाध्यक्ष राजेश मिश्रा, विवेक कुमार गुप्त (मंडल अध्यक्ष भाजपा), जगदीश यादव, अंगद तिवारी, रामधनी गोंड, ओमप्रकाश शुक्ल, किरण पाठक, गणेश प्रसाद मिश्र, रामेश्वर यादव, उमा मद्धेशिया, तथा वरिष्ठ सभासद राजन सोनकर, सुदामा वर्मा और सतेन्द्र यादव सहित कई प्रमुख जनप्रतिनिधि व नागरिक मौजूद रहे।
विकास के मुद्दों पर रखा गया जोर
गोष्ठी को संबोधित करते हुए अध्यक्ष श्वेता जायसवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विकसित उत्तर प्रदेश 2047 का संकल्प देश को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
ओमप्रकाश शुक्ल ने कहा कि प्रदेश को कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में अन्य विकसित देशों की तरह आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
किरण पाठक ने शिक्षा और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने पर बल दिया।
सावित्री राय ने महिलाओं को शिक्षा और नेतृत्व के क्षेत्र में अधिक अवसर देने की बात कही।
गणेश प्रसाद मिश्र ने कहा कि प्रशासन को जनता की समस्याओं का समाधान उनके घर-घर जाकर करना चाहिए।
शिक्षा सुधार पर महत्वपूर्ण सुझाव
आदित्य गुप्त ने सुझाव दिया कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कमरों और शिक्षकों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो। उन्होंने कहा कि “शिक्षा ही राष्ट्र और प्रदेश के विकास की कुंजी है।”
विकास की दिशा में सामूहिक संकल्प
गोष्ठी में सर्वसम्मति से यह विचार सामने आया कि कृषि, उद्योग, शिक्षा और बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) में बड़े स्तर पर सुधार और निवेश की आवश्यकता है।
सभी ने आह्वान किया कि सरकार और समाज मिलकर 2047 तक विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को साकार करने में योगदान दें।