देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। मुख्य विकास अधिकारी/प्रभारी अधिकारी(कार्मिक/प्रशिक्षण) रवींद्र कुमार की अध्यक्षता में नगर निकाय सामान्य निर्वाचन-2023 के सफल सम्पादन हेतु पीठासीन अधिकारी व प्रथम मतदान अधिकारी का प्रथम प्रशिक्षण इन्दिरा गाँधी बालिका विद्यालय, टाउन हाल, देवरिया में प्रथम पाली पूर्वान्ह 10 बजे से 01 बजे तक कराया गया।
प्रशिक्षण में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी/सहायक प्रभारी अधिकारी (कार्मिक/प्रशिक्षण, न०नि०), देवरिया/सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी देवरिया शशांक शेखर प्रवक्ता, रा०पा०चरियाँव बुजुर्ग नामित डिस्ट्रिक्ट मास्टर ट्रेनर व मास्टर ट्रेनर निशेष कुमार गुप्ता, स०अ० बेसिक शिक्षा, नामित सभी मास्टर ट्रेनर उपस्थित थे। पीठासीन अधिकारी के महत्वपूर्ण दायित्व यथा मतदान प्रारम्भ होने से कम से कम 15 मिनट पूर्व मतपेटी की तैयारी कर लेनें, निर्वाचन सामग्री प्राप्त करते समय यह देख लें कि समस्त आवश्यक वस्तुयें प्राप्त हो गयी हैं। मतदान कार्य समय से प्रारम्भ करने हेतु मतपत्रों पर पहले से हस्ताक्षर किये जा सकते हैं। प्रत्येक मतपत्र के पृष्ठ भाग तथा उसके प्रतिपर्ण पर अपने मतदान स्थल की सुभेदक चिन्ह वाली मुहर लगाकर उसका कोड/संख्या अंकित करने, पोलिंग एजेण्टो को उचित जाँच पड़ताल के बाद नियुक्ति/इन्ट्री पास देने, मतदान के प्रारम्भ एवं समाप्ति पर कुछ घोषणायें में निर्धारित प्रारूप भरकर, पोलिंग एजेण्टों से हस्ताक्षर कराने, यदि मतदान स्थल पर कोई घटना घटित होती है तो उसे पीठासीन अधिकारी को अपने डायरी में तथ्यों सहित उल्लेख करने, प्रत्येक दो घण्टे में हुए मतदान/डाले गये मतपत्रों की डायरी में दर्ज करते रहने, मतदान समाप्ति पर मतपत्र लेखा प्रारूप- 30 तैयार करने, प्रत्येक मतदाता को उसी के क्रम में वोट देने के लिए कहा जाये जो जिस क्रम में आया है, उसी क्रम में वोट डालने, मतदान समाप्ति के बाद मतपेटिकाओं को विधिवत सील करने, मतदान की गोपनीयता को प्रत्येक स्थिति में बनाये रखने, मतपेटी, समस्त प्रपत्रों/कागजातों को निर्धारित लिफाफों में रखकर संग्रह केन्द्र पर जमा करने आदि के बारे में विस्तृत रूप से प्रशिक्षित किया गया।
मतदान अधिकारी प्रथम के दायित्वों यथा-निर्वाचक नामावली की चिन्हित प्रति का प्रभारी होगा, मतदाता का वोटर स्लिप देने के बाद उसके नाम का मिलान मतदाता सूची से करते हुए मतदाता के नाम और क्रमांक को जोर बोलने, एवं मतदाता को अपनी पहचान हेतु चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित पहचान सम्बन्धी आदेशों का अनुपालन करने हेतु प्रशिक्षित किया गया।मतदान अधिकारी द्वितीय के कार्य के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया- मतदान अधिकारी द्वितीय अमिट स्याही का प्रभारी होता है, वह यह सुनिश्चित करेगा कि बायें हाथ के तर्जनी पर अमिट स्याही का कोई चिन्ह पहले से तो नहीं लगा है। यदि कोई मतदाता बायें हाथ की तर्जनी अंगुली पर जाँच करने से या अमिट स्याही लगाने से मना करेगा तो मतदान की अनुमति नहीं दी जायेगी। जिस मतदान स्थल पर एक से अधिक वार्ड के मतदाता रखे गये है, वहाँ मतदान अधिकारी द्वितीय को यह सावधानी रखनी होगी कि मतदाता को सदस्य पद हेतु उसी वार्ड से सम्बन्धित मतपत्र दिया जाय, जिस वार्ड की निर्वाचक नामावली में उसका नाम अंकित है। मतदान अधिकारी तृतीय के कार्य के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया। मतदान अधिकारी तृतीय पीठासीन अधिकारी के निर्देशन में कार्य करेगा। ऐरोक्रास सील एवं पतपेटी का प्रभारी होगा, स्याही लगी ऐरोकास मुहर देते समय मतदाता को मतपत्र को इस प्रकार मोड़ा जायेगा कि मतपत्र पर ऐरोक्रास मुहर लगाने के बाद उसकी स्याही किसी दूसरे प्रत्याशी के चिन्ह पर न लग जाये। मतदान अधिकारी मतपेटी में डाले गये मतपत्रों को दिये गये पुशर से अन्दर ढकेलता रहेगा।
मतदाता पर्ची, चैलेंगे वोट, निविदत्त मतपत्र, मतपत्रों को रद्द किये जाने की स्थिति के बारे में दृष्टिबाधित या अन्य अशक्तता के कारण मतदाताओं द्वारा मतदान के बारे में मतदान बन्द होने के समय मतदान केन्द्र में उपस्थित व्यक्तियों द्वारा मतदान, निर्वाचन सम्बन्धी अधिकारी जो भ्रमण करेंगे के बारे में, मतपेटी को खोलना व बन्द करने के बारे में मतदान के लिए मतपेटी तैयार करने के बारे में विस्तृत रूप से प्रशिक्षित किया गया।
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