मुंबई(राष्ट्र की परम्परा)
मनपा प्रशासन द्वारा पदोन्नती व स्थानांतरण आदेश के दो महिने बाद भी एल विभाग मनपा में भ्रष्ट अधिकारी जमे हुए हैं। लोकसभा चुनाव के पहले ही शासन के इस आदेश पर पहले ही सर्कुलर जारी करते हुए संबंधित अधिकारियो को एकतरफा रिलीव करने का आदेश जारी किया गया था, पर इसके बाद भी इन अधिकारियो ने अपनी मलाईदार कुर्सी छोडी नही और ना ही पदोन्नती व ट्रान्सफर हुए विभागाें मे रिलीव नही हुए है।
शासन ने विभागों में किसी भी अधिकारी की पदस्थापना के अधिकतम तीन साल का नियम तय किया है। यह अवधि गुजर जाने के बाद अधिकारियो को शासन के स्थानांतरण आदेश से तय जगहों पर जाना ही होता है। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य सरकार के काम में पारदर्शिता लाना है लेकिन एल विभाग मनपा में ऐसा नहीं हुआ है। शासन के आदेश की उन्हीं के अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं। ऐसा अक्सर भ्रष्टाचार के कारणों से होता है। यदि शासन के तबादला आदेश के बाद कोई अधिकारी पदोन्नती या तबादला नही ले रहा इसका सीधा सा मतलब यही होता है, उसने अपने उच्च अधिकारी से सेटिंग कर ली है। इसी वजह से वह विभाग से रिलीव नहीं हो रहा है। दूसरा यह होता है कि वह रिलीव तो हो गया लेकिन तबादला के बाद तय जगह पर उसने ज्वाइनिंग नहीं ली है। इसलीए राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग प्रदेश संघटक सचिव अकबर शेख ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार व मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर सहायक आयुक्त धनाजी हेर्लेकर और दुय्यम अभियंता सचिन सर्वोदय का पदोन्नती व सहायक अभियंता सागर कर्पे का बदली होकर लगभग 2 महीने से अधिक हो गए हैं, फिर भी वह एल वार्ड में ही बैठकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। अकबर शेख ने उक्त भ्रष्ट अधिकारियो को तुरंत एल वार्ड कुर्ला से रिलीव किया जाए ? और उक्त अधिकारी के जगहो पर इमानदार अधिकारी नियुक्त किया जाए जो मूलभूत सुविधाओ पर ध्यान दे और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा सके, ऐसीं शासन से मांग की है।
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