Wednesday, October 29, 2025
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“वन नेशन, वन इलेक्शन से लोकतंत्र होगा मजबूत – डाॅ.अरविन्द पाण्डेय

बार-बार चुनाव से जनता और शासन दोनों पर पड़ता है बोझ – नीरज शाही

एकसाथ चुनाव से शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास कार्यों को मिलेगा बल – शिवम निषाद

1967 में सफल प्रयोग, अब फिर से लागू होने की उठी जोरदार मांग

रुद्रपुर(राष्ट्र की परम्परा)
पंडित श्रीकृष्ण उपाध्याय महिला महाविद्यालय में मंगलवार को “वन नेशन, वन इलेक्शन” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, पूर्व राज्य मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता नीरज शाही ने कहा कि यह व्यवस्था देश की संसदीय प्रणाली को सशक्त, सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। बार-बार होने वाले चुनावों से जनता थकान महसूस करती है, जबकि एकसाथ चुनाव से शासन निर्विघ्न चलेगा और खर्च नियंत्रित रहेगा।
मुख्य वक्ता बाबा राघवदास भगवानदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय बरहज के राजनीति विज्ञान विभाग के आचार्य डॉ. अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि अलग-अलग समय पर होने वाले चुनावों में करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। यदि एकसाथ चुनाव कराए जाएं तो यह खर्च आधा से भी कम रह जाएगा और बचाए गए संसाधन शिक्षा, स्वास्थ्य व विकास कार्यों पर लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बार-बार आचार संहिता लागू होने से योजनाओं की गति थमती रहती है, जबकि “वन नेशन, वन इलेक्शन” लागू होने पर विकास कार्य निरंतर गति पकड़ेंगे।
महाविद्यालय के प्रबंधक व कार्यक्रम अध्यक्ष मदन उपाध्याय ने कहा कि एक साथ चुनाव से सुरक्षा बलों को बार-बार चुनावी ड्यूटी से नहीं गुजरना पड़ेगा और राजनीतिक दल लंबे समय तक शासन व विकास पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। कार्यक्रम के जिला संयोजक शिवम निषाद ने बताया कि 1967 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ हुए थे और यह व्यवस्था सहज व सफल रही थी। उन्होंने कहा कि एकसाथ चुनाव से चुनाव खर्च में लगभग 40% तक की कमी आएगी।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से हुई। इस अवसर पर शारदानन्द राय, निखिल गुप्ता, नन्हे पटेल, सत्यम पांडेय समेत अनेक लोग मौजूद रहे।

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