सिकंदरपुर/बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। जनपद मुख्यालय बलिया से लगभग 35 किलोमीटर दूर और उत्तर प्रदेश–बिहार सीमा से सटे ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व वाले क्षेत्र सिकंदरपुर में रोडवेज बस डिपो की स्थापना की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। स्थानीय समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों और आम नागरिकों ने इस जनहित के मुद्दे को लेकर आवाज बुलंद की है और शासन-प्रशासन व जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित किया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, सिकंदरपुर में पूर्व में उत्तर प्रदेश रोडवेज का टिकट काउंटर संचालित था, जिससे क्षेत्रवासियों को आवागमन में काफी सहूलियत मिलती थी। लेकिन समय के साथ यह सुविधा समाप्त हो गई। इसके बाद यात्रियों को बस सेवाओं के लिए बलिया, मऊ और अन्य दूरस्थ स्थानों पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक और शारीरिक दोनों तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
भौगोलिक स्थिति बनाती है सिकंदरपुर को महत्वपूर्ण केंद्र
सिकंदरपुर विधानसभा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह क्षेत्र न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार के सीमावर्ती इलाकों को भी जोड़ता है। समाजसेवियों का कहना है कि यदि यहां रोडवेज बस डिपो की स्थापना होती है, तो स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों और बिहार के सीमावर्ती जिलों के यात्रियों को भी बेहतर परिवहन सुविधा मिल सकेगी।
ये भी पढ़ें – समय, तकनीक और तरंगों पर सवार जीवन: बदलते युग में मानव अस्तित्व की नई चुनौतियां
दरौली घाट पुल से बढ़ेंगी संभावनाएं
भविष्य में दरौली घाट पर प्रस्तावित पक्के पुल के निर्माण को देखते हुए इस मांग को और मजबूती मिली है। पुल के निर्माण के बाद सिकंदरपुर से बिहार के लिए सीधी रोडवेज बस सेवाएं संचालित की जा सकती हैं। इससे गोरखपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, वाराणसी और लखनऊ जैसे प्रमुख शहरों के लिए सीधी बस सेवाएं शुरू होने की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी।
जनप्रतिनिधियों से विशेष पहल की मांग
समाजसेवियों ने कहा कि बलिया जनपद से जुड़े होने के कारण परिवहन मंत्री और जनप्रतिनिधियों को इस दिशा में विशेष पहल करनी चाहिए। सिकंदरपुर क्षेत्र की जनता ने शासन से अपील की है कि जनहित और क्षेत्रीय विकास को ध्यान में रखते हुए शीघ्र रोडवेज बस डिपो की स्थापना की जाए, ताकि वर्षों पुरानी यह मांग पूरी हो सके और क्षेत्र को विकास की नई गति मिल सके।
ये भी पढ़ें – मिट्टी का मनुष्य, चेतना का परमात्मा: आत्मचिंतन और मानव अस्तित्व पर गहन दृष्टि
संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जनपद की खलीलाबाद तहसील में कार्यरत कानूनगो रमेश कुमार…
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 59वीं वाहिनी, मुख्यालय अगैईया में 62वां…
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। भारत–नेपाल के बीच पर्यटन सहयोग को नई ऊंचाई देने के उद्देश्य…
23 दिसंबर को पंचायत निर्वाचक नामावली की अनन्तिम मतदाता सूची का प्रकाशन संत कबीर नगर…
अंग्रेज़ी विभाग के आचार्य प्रो. अजय कुमार शुक्ला के निर्देशन में रामचरितमानस पर कर रहे…
दहेज उत्पीड़न व यौन शोषण का मामला उजागर गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब में…