October 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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पूर्वांचल के गांधी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रोफेसर शिब्बन लाल सक्सेना की मनाई गई पुण्यतिथि

प्रो.सक्सेना की समाधि पर भावभीनी श्रद्धांजलि

स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा थे प्रोफेसर सक्सेना- डॉ.भट्ट

महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा) l स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूर्वांचल के गांधी के नाम से विख्यात महराजगंज में शिक्षा की अलग जगाने वाले संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य रहे प्रोफेसर शिब्बन लाल लाल सक्सेना की पुण्यतिथि पीजी कॉलेज के क्रीड़ांगन पर स्थित उनकी समाधि स्थल पर महाविद्यालय के अतिरिक्त सामाजिक संस्थाओं द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया और प्रोफेसर सक्सेना को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
पीजी कॉलेज के प्रबंधक डॉ बलराम भट्ट ने प्रोफेसर सक्सेना की पुण्यतिथि पर उनकी समाधि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के पश्चात जीएस बीएस इंटर कॉलेज में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि प्रोफेसर सक्सेना स्वतंत्रता संग्राम के महायोद्धा थे और उन्होंने अपने आत्मबल के आधार पर अंग्रेजों के समक्ष भी अपना लोहा मनवाया था। महराजगंज जैसे पिछड़े क्षेत्र में उन्होंने प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा का अलख भी जगाया था। आज उनके पुण्यतिथि पर हम उन्हें याद करते हैं और उनके बताए हुए रास्ते पर चलने का प्रण करते हैं l
जीएसबीएस इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य विजय बहादुर सिंह ने कहा कि प्रोफेसर सक्सेना स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ-साथ भारत के संविधान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी उन्होंने भारतीय संविधान के प्रत्येक अनुच्छेदों पर अपना संशोधन प्रस्ताव भी दिया था । उन्होंने यदि महराजगंज में अनेक शिक्षण संस्थाओं को नहीं खोला होता तो शायद आज महराजगंज के बच्चों को शिक्षा प्राप्त नहीं हो पाती l
मुख्य नियंता डॉ बिपिन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि प्रोफेसर सक्सेना ने अपने आत्मबल के आधार पर अपनी तपस्या और त्याग के आधार पर न सिर्फ अंग्रेजों को अपना लोहा मनवाया बल्कि महराजगंज के किसानों की लड़ाई भी लड़ी।अपने कर्म के आधार पर सदैव याद किए जाएंगे।
प्रोफेसर सक्सेना की समाधि पर श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए सिटिजन फोरम के सचिव डॉ घनश्याम शर्मा, शमशुल हुदा खान, मीडिया प्रभारी डॉ शांति शरण मिश्रा, कोषाध्यक्ष दिलीप कुमार शुक्ला ने कहा कि प्रोफेसर सक्सेना महराजगंज के मन: मस्तिष्क पर सदैव जीवित रहेंगे और अपने सब कर्मों और स्वाधीनता की लड़ाई में योगदान के लिए याद किए जाएंगे। इस दौरान संगोष्ठी में महाविद्यालय के शिक्षक धर्मवीर, डॉ शैलेंद्र उपाध्याय, डॉ नंदिता मिश्रा, डॉ ज्योत्सना पांडेय,डॉ नेहा, अपर्णा राठी, अशोक कुमार, गुलाब चंद, अखिल राय, डॉ सुनील तिवारी, अनिल सिंह,सिटीजन फोरम से जुड़े पशुपतिनाथ तिवारी, अमरेन्द्र पटेल, जगदीश नारायण शर्मा, रितेश त्रिपाठी, अखिलेश्वर राव, अखिलेश पांडेय अमरेंद्र शर्मा, कामाख्या जायसवाल, अखिल राय, अशोक कुमार, संतोष राव, विधि नारायण सहित सभी शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहें।