
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक कुलपति प्रो. पूनम टंडन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमें छात्रों के पंजीकरण, परीक्षा फार्म, बैक पेपर, अंक-पत्र, टी.सी., माइग्रेशन एवं प्रोविजनल प्रमाण पत्र से संबंधित शुल्कों में संशोधन हेतु गठित समिति की आख्या पर विचारोपरांत वित्त समिति ने छात्र संगठनों के प्रतिवेदनों और समिति की अनुशंसा के आधार पर प्रस्तुत शुल्क संशोधन प्रस्तावों को पहले ही अनुमोदन प्रदान कर दिया था। संशोधन के उपरांत अब बैक पेपर शुल्क प्रति छात्र प्रति सेमेस्टर अधिकतम तीन पेपर तक ₹500 प्रति पेपर शुल्क लिया जाएगा। यदि पेपर तीन से अधिक हैं तो अधिकतम ₹1500 शुल्क देय होगा।
पंजीकरण विलम्ब शुल्क: कुलपति की विशेष अनुमति प्राप्त मामलों में पंजीकरण का विलम्ब शुल्क ₹5000 से घटाकर अधिकतम ₹2000 किया गया है वहीं परीक्षा फार्म विलम्ब शुल्क समयसीमा के बाद परीक्षा फार्म भरने पर कुलपति की अनुमति से लगने वाला शुल्क भी ₹5000 से घटाकर अधिकतम ₹2000 निर्धारित किया गया।
परीक्षा फार्म, अंक-पत्र एवं डिग्री (उपाधि) में संशोधन शुल्क में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, शुल्क पूर्ववत रहेगा।
टी.सी., माइग्रेशन एवं प्रोविजनल प्रमाण पत्र शुल्क इन सभी प्रमाण पत्रों के शुल्क को ₹200 से बढ़ाकर ₹500 करना प्रस्तावित था। जिसे कम कर ₹300 प्रति प्रमाण पत्र किया गया है।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि “विश्वविद्यालय छात्रहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। शुल्क संशोधन का उद्देश्य प्रक्रियाओं को सुगम बनाना तथा विद्यार्थियों पर आर्थिक भार को यथासंभव कम करना है। हम शिक्षण और सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए समावेशी और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
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