
उतरौला/बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)। क्षेत्र की सड़कों पर चारो ओर दौड़ रहे डग्गामार वाहन लोगों की जान से खुले आम खिलवाड़ कर रहे हैं। अधिक पैसा कमाने के चक्कर में सवारियों को भूसे की तरह ठूंस – ठूंसकर भर रहे इन वाहन चालकों में पुलिस व प्रशासन का कोई खौफ नही है।यहां की सड़कों पर चल रहे इस प्रकार के वाहनों पर पुलिस का कोई नियंत्रण न होने के चलते यहां बेहिचक सड़कों पर फर्राटा भरते देखे जा रहे हैं।इतना ही नही इन वाहनों से आए दिन हादसों की जानकारी मिल रही है इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नही दे रहे हैं।
अपनी जान जोखिम में डाल इन डग्गामार वाहनों पर यात्रा कर रहे लोगों की भी अपनी मजबूरी है।चूंकि क्षेत्र में परिवहन संसाधनों का पहले से ही भारी अभाव रहा है अधिकांश ग्रामीण इलाकों में रोडवेज बसों की कमी के चलते क्षेत्र में डग्गामार वाहनों का चलना आम बात है यहां के मुख्य मार्ग उतरौला से मनकापुर,अयोध्या,प्रयाग राज व उतरौला से पिपरा देवी पाटन मंदिर के लिए रोडवेज बसों का संचालन न के बराबर है सहालग के चलते यात्रियों की संख्या काफी बढ़ गई है। जिसके चलते यात्री डग्गामार वाहनों में सफर करने को मजबूर हैं।उक्त वाहन चालक सवारियों को भेड़ बकरी की तरह ठूंस- ठूंस कर भरते हैं।यहां तक की वाहनों की चालक सीट पर भी तीन से चार सवारियों बैठे को देखा जा सकता है जो सीधे सड़क दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं।शहर में संचालित हो रहे डग्गामार वाहनों को लेकर प्रबुध्द जनों का कहना है कि डग्गामार वाहनों से आए दिन हो रही दुर्घटनाओं के कारण लोग मौत के आगोश में समा जाते हैं इसके बाद भी विभागीय अधिकारियों के द्वारा इन पर अंकुश नही लगाया जाता है।
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