आजमगढ़ ( राष्ट्र की परम्परा )
बिलरियागंज नगर पालिका परिषद के भगतपुर वार्ड में लगने वाले गाजी मियां के मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही, यह मेला प्रति वर्ष गाजी मियां के रौजे पर लगता है जो 3 दिन तक चलता है। इस मेले की खासियत यह है कि यह सोमवार से प्रारंभ होकर मंगलवार और बुधवार देर रात तक रहता है।
इस मेले में प्रदेश के कोने-कोने से काला जादू, चरखी, हवाई झूला, आसमानी झूला, आसाम ट्रेन और तमाम रंगारंग कार्यक्रम किये जाते हैं। मेले की शान बढ़ाने के लिए दूर-दूर से दुकानदार अपनी दुकानें लाकर मेले में लगाकर मेले की सान बढ़ाते हैं, इस मेले की सबसे बड़ी खासियत यह है यह मेला मीट और बाटी के नाम से जाना जाता है। इस मेले में आने वाले मांशाहारी श्रद्धालु बकरे का मीट लेते हैं और आटा तेल मसाला लेकर यही हाड़ी में बनाकर खाते हैं ।
दूसरे रूप में यह मेला ककरी खीड़ा खरबूजा और तर्बुजा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस मेले में खरबूजे की बहार रहती है कभी अपने आप में यह मेला ऐतिहासिक हुआ करता था, लोग साल भर की जरूरतो की खरीदारी इसी मेले से करते थे। लेकिन जैसे-जैसे मार्केट जगह जगह बढ़ती गई मेले का अस्तित्व घटता गया ।कभी इस मेले में हाथी घोड़ा बिकता था लेकिन आज बंद हो गया है।
मेला व्यवस्थापक गफ्फार शाह का कहना है कि यह मेला गाजी मियां के नाम से जाना जाता है जो प्रतिवर्ष 3 दिन तक चलता है इस मेले में सुरक्षा के नाम पर थानाध्यक्ष ब्रह्मदीन पाण्डेय मय फोर्श के साथ ही साथ महिला पुरुष पुलिस कांस्टेबल जगह जगह लगाकर मेले की निगरानी करा रहे हैं ताकि मेले के अंदर कोई अव्यवस्था ना उत्पन्न हो सके। मंगलवार को इस मेले में लगभग सभी दुकाने और जादू चरखी तथा कलाकार आ चुके थे ।
वही गाजी मियां की मजार पर कव्वाली का भी आयोजन किया गया था जो देर रात तक दर्शकों को आनंदित करते रहे और कव्वाली के माध्यम से विभिन्न जानकारियां देते हैं।
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