फसल बीमा घोटाला: जांच में खुलती जा रहीं बेइमानी की परतें, 1.05 लाख से अधिक पॉलिसी रद्द, अफसरों पर कार्रवाई तय

लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत हुए बड़े घोटाले की परतें एक-एक कर खुलती जा रही हैं। महोबा और झांसी के बाद अब ललितपुर और हमीरपुर में भी फसल बीमा पॉलिसियों की जांच शुरू हो गई है। जांच के बाद खरीफ 2025 में अब तक 1,05,361 फसल बीमा पॉलिसी रद्द की जा चुकी हैं, जिससे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

नदी-बंजर और सरकारी जमीन पर कराया गया बीमा

बुंदेलखंड समेत अन्य जिलों में खरीफ 2024, रबी 2024 और खरीफ 2025 के दौरान फसल बीमा में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं।
जांच में खुलासा हुआ कि नदी, बंजर भूमि, रेलवे, सरकारी और यहां तक कि सांसद की जमीन पर भी दूसरे लोगों के नाम से बीमा करा लिया गया और करोड़ों रुपये का क्लेम उठा लिया गया।

महोबा में अकेले 40 करोड़ का फर्जी क्लेम

सबसे बड़ा मामला महोबा जिले का सामने आया है, जहां करीब 40 करोड़ रुपये का फर्जी बीमा क्लेम लिया गया।
अब तक:
महोबा में 59
झांसी में 10
लोगों के खिलाफ अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।

हमीरपुर और ललितपुर में जांच जारी

मीडिया में घोटाले की खबरें सामने आने के बाद कृषि विभाग ने सभी जिलों में डीएम स्तर पर खरीफ और रबी 2025 की बीमा पॉलिसियों की जांच कराई।

जांच रिपोर्ट के आधार पर:

• महोबा में लगभग 10 हजार
• झांसी में 9 हजार
• अन्य जिलों में 150 से 1000 तक पॉलिसियां रद्द की गई हैं।
हमीरपुर और ललितपुर में जांच अभी जारी है।

करोड़ों का प्रीमियम और क्लेम

आंकड़ों के मुताबिक:

• खरीफ 2024-25 में 15.38 लाख किसानों ने 432.43 करोड़ रुपये का प्रीमियम दिया, जिसमें से 3.58 लाख किसानों को 276.10 करोड़ रुपये का क्लेम मिला।
• खरीफ 2025-26 में 20.92 लाख किसानों ने 537.64 करोड़ रुपये का प्रीमियम जमा किया, जिनमें से 2.06 लाख किसानों को 142.02 करोड़ रुपये का क्लेम दिया गया है।

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पोर्टल में होगा बड़ा बदलाव

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना का संचालन भारत सरकार के एनसीआईपी पोर्टल से होता है।
अब किसान रजिस्ट्री और भूमि डिजिटलीकरण के बाद खाता संख्या डालते ही जमीन का पूरा विवरण पोर्टल से जुड़ जाएगा। इससे:

• नदी, बंजर या सरकारी भूमि की पहचान
• जमीन मालिक को पूर्व सूचना
• फर्जी बीमा पर रोक
संभव हो सकेगी। इसके लिए भारत सरकार को पोर्टल संशोधन का प्रस्ताव भेजा गया है।

कृषि विभाग का बयान

निदेशक कृषि सांख्यिकी एवं फसल बीमा सुमिता सिंह ने बताया कि

“जांच लगातार जारी है। अब तक खरीफ 2025 में 1,05,361 पॉलिसी रद्द की जा चुकी हैं। डीएम की रिपोर्ट मिलते ही बीमा कंपनियां एनसीआईपी पोर्टल पर पॉलिसी रद्द कर रही हैं। कूटरचित दस्तावेजों के जरिए बीमा कराने पर रोक लगाने के लिए तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं।”

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Karan Pandey

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