
भागलपुर/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा) भागलपुर छित्तूपुर मार्ग से सटे रोड के किनारे बने पुराने ठोकर पर यह गरीब जानवरों को पाल रख रखा था। जिसे अपना पेट पलता था। सोशल मीडिया पर बाढ़ खंड द्वारा कराए गए कार्य की गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर आलोचना करना आफत बन टूट पड़ा उजाड़ दिया गरीब का ठिकाना। इसका बरसात के मौसम में भीगते पशु को लेकर जाएगा कहां?
सरयू नदी की जलधारा से भागलपुर कस्बा और बंधे को बचाने के लिए बाढ़ विभाग द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर ठोकर का निर्माण किया गया है। इन ठोकरो की निर्माण के बाद सैकड़ो एकड़ जमीन गंगा में समा गई गुणवत्ता नंबर 1
गुणवत्ता नंबर दो निर्माण कार्य ऐसा है की बाढ़ आने से पहले ही सारी ठोकरें जलमग्न हो गई ।
गुणवत्ता नंबर 3 नदी में नीचे दो-तीन फीट खुदाई बगैर ही ऊपर बोल्डर बांध दिया गया।
गुणवत्ता नंबर 3 छड गिट्टी बालू सीमेंट के द्वारा एक ट्रायंगल बनाया गया था जो नदी में डूबा हुआ था, उसे भी निकाल कर उसमें से छड़ को कबाड़ी वाले को बेचा गया।
सैकड़ो ट्रॉली मिट्टी बेच दी गई। नदी द्वारा कटान का दृश्य और तटबंध जो बना है उसका दृश्य काफी कुछ कह रहा है।
बाढ़ खंड चौकी ऑलरेडी बनी हुई है। जो की एक सुरक्षित जगह पर है फिर भी बाढ़ खंड चौकी बनाने के नाम पर अधिकारियों ने इस गरीब का आशियाना उजड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ा, क्याबाढ़ खंड चौकी उसी ठोकर के ऊपर बनेगी या कहीं सुरक्षित जगह पर। वैसे तो सड़क किनारे इतना अतिक्रमण है कि आना-जाना भी दुर्भर है, यह अतिक्रमण किसी को नहीं दिखाई देता।
अधिकारियों का कहना है कि भागलपुर कस्बा और बंधे को बचाने के लिए बाढ़ विभाग द्वारा चौकी का निर्माण करना है, विवेक कुमार की शिकायत पर राजस्व विभाग में अतिक्रमणकारियों को नोटिस दिया था। अतिक्रमण नहीं हटने पर नायब तहसीलदार रविंद्र मौर्य बरहज राजस्व टीम और माइल पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। बाढ़ विभाग की सहायक अभियंता उपेंद्र कुमार ने अतिक्रमणकारियों से अतिक्रमण हटाने को कहा न हटाने पर जेसीबी द्वारा हटवा दिया गया। वहीं प्रधान प्रतिनिधि बृजभूषण ने अधिशासी अभियंता से बात कर कुछ दिनों का मोहल्लत मांगा। सभी कर्मचारीयो द्वारा ठोकर की मरम्मत का कार्य पूरा करने के बाद बाढ़ खंड चौकी का निर्माण कराया जाना है। अतिक्रमण की वजह से कार्य बाधित हो रहा था।
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