
इज्जत घर का दावा करने वाली सरकार के पास नही हैं रेलवे स्टेशन पर इज्जत घर-विनोद सिंह
मूलभूत सुविधाओं से वंचित रेलवे स्टेशन-कैलाश शर्मा
बरहज/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)l भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता एवं शिवसेना के उद्धव गुट के कार्यकर्ताओं ने बरहज रेलवे स्टेशन पर शौचालय, शुद्ध पेयजल व्यवस्था, स्वच्छता की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने बताया कि जहां सरकार सभी के घरों में इज्जत घर बनवाने का दावा कर रही है, वही पर हकीकत यदि जानना हो तो बरहज रेलवे स्टेशन की दुर्दशा को देखा जाए, जहाँ पर हजारों यात्री व छात्र छात्राएं यात्रा करते हैं, लेकिन स्वच्छता के साथ रेलवे स्टेशन पर पर कोई सुविधा नहीं हैं।
रेलवे स्टेशन के चारों तरफ जंगल झाड़ फुस लगा हुआ है, लेकिन रेलवे स्टेशन पर एक सुलभ शौचालय एवं शुद्ध पेयजल की सुविधा न होने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यदि एक माह के अंदर यहां पर शौचालय व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नही किया जाता हैं तो हम लोग अनशन करने के लिए बाध्य होंगे। प्रदर्शन के दौरान
खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश सचिव विनोद कुमार सिंह ने बताया कि बरहज व्यापार का प्रमुख केंद्र था और रेलवे व्यापार का मुख्य साधन जिसे अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था। यहाँ व्यापार के लिए दूर विदेशों से पानी के जहाज से माल सामान लाया जाता था, और व्यापारीयो द्वारा अपना अपना सामान रेलवे से दूर के बाजारों में विक्री के ले जाया जाता था। इस प्रकार से देखा जाय तो यह रेलवे हजारों लोगों के लिए रोजी रोटी का साधन बना हुआ था।उन्होंने बताया कि यहां से बंगला देश सहित अन्य देशों के कोने -कोने में खाड़ एवं लोहा, लकड़ी , मलमल के कपड़े का व्यवसाय किया जाता था और बरहज अपने नाम के लिए मोहताज नहीं था। लेकन बरहज रेलवे स्टेशन अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है यहां पर यात्री विश्राम गृह, माल गोदाम और यात्रियों के सुरक्षा के लिए जीआरपी की व्यवस्था नहीं है। पहले यात्रियों के रुकने के लिए शौचालय, स्नान घर की पूरी व्यवस्था थी, खाने के लिए दुकानें होती थी लेकिन आज के समय में यह व्यवस्था पूरी तरह से धराशाई हो चुकी है। रेलवे स्टेशन दयनीय स्थिति पर आंसू बहा रहा है,लेकिन यहां पर भारतीय जनता पार्टी के तीन बार सांसद एवं सरकार में मंत्री होने के बाद भी कमलेश पासवान एक शौचालय तक नहीं बनवा पाए और सरकार विकसित भारत होने का दावा कर रही है। इसी क्रम में
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सह सचिव अरविंद कुशवाहा ने बताया कि बरहज अपने आप में ही एक धार्मिक स्थान है यह नगरी संत महात्माओं की नगरी रही है यहां पर कार्तिक पूर्णिमा, दशहरा, दुर्गा पूजा से लेकर शिव शिवरात्रि सहित अन्य त्योहारों के लिए रेलवे स्टेशन के समीप यात्रियों का जमावड़ा लगा रहता था, यहाँ यात्री सरयु नदी में स्नान करते थे , उस समय बरहज को संगम के भी नाम से जाना जाता था। दूर दराज से आने वाले यात्रियों के लिए रेलवे स्टेशन पर ठहरने का मुख्य कारण था कि यहाँ विश्राम स्थल एवं शौचालय तथा पीने के पानी की व्यवस्था पूरी मिलती थी ,जिससे यात्रियों को कभी किसी चीज की कोई दिक्कत नहीं होती थी। लेकिन आज यहां पर यात्री आना पसंद नहीं करते हैं जिससे बरहज के व्यापार पर भी बड़ा असर पड़ा है। यदि यहां शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं होती है तो हम लोग क्षेत्र की जनता के साथ आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
वही शिवसेना उद्धव गुट के देवरिया जिला कार्यालय प्रमुख कैलाश शर्मा ने बताया की एक समय था जब यहां से हजारों लोगों की जीविका चलती थी, दिन और रात स्टेशन पर यात्रियों का भीड़ देखने को मिलता था लेकिन आज आज यह रेलवे स्टेशन अपनी वीरानगी पर आंसू बहा रहा है। यहाँ की मुसाफिरखाना से लेकर गोदाम,पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। यहाँ यात्रियों के लिए शुद्ध पेयजल, सार्वजनिक शौचालय आदि की व्यवस्था नहीं है, जिससे यात्रियों को अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि बरहज ट्रेन से रोज हजारों लोग जिसमे छात्र छात्राओं सहित अन्य यात्रीगण आते जाते है।
इस दौरान राजेंद्रपाल, रामध्यान कुशवाहा, आजाद अंसारी, उमाशंकर कुशवाहा, श्याम सुंदर गुप्त, इस्लाम, ईद मोहम्मद, अर्जुन सोनकर, सुभाष राजभर, चंद्रिका तिवारी, उपेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।
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