गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान में गौ आधारित प्राकृतिक खेती पर आधारित एक व्याख्यान के मुख्य वक्ता प्रोफेसर अनिल कुमार त्रिपाठी, पूर्व डीन, कृषि महाविद्यालय, सीएयू, पासीघाट व पूर्व निदेशक, आईसीएआर अटारी, गुवाहाटी और उमियाम रहे I
उन्होंने अपने व्याख्यान में प्राचीन समय में प्रचलित प्राकृतिक खेती की विधि तथा वर्तमान समय में इसकी आवश्यकता पर विस्तृत चर्चा की। नीम के पत्तों, अदरक व काली मिर्च के उपयोग द्वारा कीट प्रबंधन तथा गाय के गोबर एवं गोमूत्र द्वारा प्राकृतिक खाद बनाने की विधि पर भी जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं मुख्य वक्ता का स्वागत संस्थान के निदेशक प्रोफेसर शरद कुमार मिश्रा ने किया I उन्होंने प्राकृतिक खेती के व्यावहारिक अभ्यास को बढ़ावा देने पर जोर दिया। संस्थान के समन्वयक डॉ रामवंत गुप्ता ने कार्बन डाइऑक्साइड तथा प्राकृतिक खेती के समीकरण की चर्चा करते हुए। इस उपयोगी बताया तथा कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर नूपुर सिंह ने किया।
कार्यक्रम में संस्थान के शिक्षक डाॅ निखिल रघुवंशी, डाॅ तल्हा अंसारी, डाॅ अवधेश यादव, डाॅ अम्बरीष पाण्डेय आदि मौजूद थे।बङी संख्या में बीएससी एजी एवं एमएससी एजी के छात्र छात्रों ने प्रतिभाग किया। जिसमें से बीएससी एजी थर्ड ईयर के छात्र प्रभाकर एवं दिवाकर द्वारा पूछे प्रश्नों का जवाब मुख्य वक्ता द्वारा दिया गया। कार्यक्रम के अन्त मे मुख्य वक्ता डाॅ अनिल कुमार त्रिपाठी ने संस्थान को शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए बङी संख्या मे कृषि से संबंधित किताबें, शोध पत्र तथा पत्रिकाएं संस्थान के निदेशक प्रो. शरद कुमार मिश्र को समर्पित किया।
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