उतरौला(बलरामपुर) विगत दिनों लखनऊ कचहरी में दिन दहाड़े हुए निर्मम हत्या से उतरौला पुलिस प्रशासन ने कोई सीख नहीं ली। सिविल जज उतरौला जनपद बलरामपुर में स्थित दो न्यायालय कार्यरत होने पर न्यायालय की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। इसी कैम्पस में सीओ कार्यालय भी है।
उतरौला कस्बे में दो न्यायालय सिविल जज जूनियर डिवीजन उतरौला के कार्यरत हैं विगत दिनों लखनऊ के न्यायालय में दिन दहाड़े एक माफिया जीवा की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। इस घटना पर शासन चौकन्ना हो गया और प्रदेश के सभी न्यायालयों पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध करने का आदेश दिया गया। इस आदेश पर जनपद के जिला अदालतों पर वादकारी, अधिवक्ता व अन्य सभी लोगों की सघन तलाशी कर न्यायालय के अन्दर जाने दिया जाता है लेकिन सिविल जज जूनियर डिवीजन उतरौला के दो न्यायालय होने पर न्यायालय की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। न्यायालय के मुख्य द्वार पर मेडल डिक्टेटर नहीं लगाया गया है। न्यायालय परिसर के अन्दर जाने के लिए सघन तलाशी के लिए किसी पुलिस कर्मचारी की तैनाती नहीं है। अपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए तारीख पेशी पर सैकड़ों नामजद अपराधी आते हैं। इससे कभी भी कोई गम्भीर वारदात कर सकते हैं। इसी न्यायालय परिसर में सीओ उतरौला का कार्यालय भी है। अधिवक्ता संघ उतरौला अध्यक्ष बीरेंद्र सिन्हा ने बताया कि न्यायालय परिसर की सुरक्षा को देखते हुए सभी अधिवक्ताओं को परिचय पत्र जारी किया जा रहा है। लेकिन तहसील परिसर व दीवाना परिसर की सुरक्षा के लिए किसी पुलिस कर्मचारी की तैनाती नहीं है।
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