वाशिंगटन (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। अमेरिका के इलिनॉय राज्य में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भेजी गई नेशनल गार्ड की टुकड़ियों की तैनाती पर अदालत ने फिलहाल रोक लगा दी है। अपील्स कोर्ट ने शनिवार को आदेश दिया कि ये सैनिक राज्य में रह सकते हैं, लेकिन उन्हें किसी भी फेडरल प्रॉपर्टी की सुरक्षा या गश्त के लिए तैनात नहीं किया जाएगा।
इससे पहले फेडरल जज एप्रिल पेरी ने गुरुवार को नेशनल गार्ड की तैनाती को कम से कम दो सप्ताह के लिए अस्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया था। जज ने यह भी कहा था कि ट्रंप प्रशासन के इमिग्रेशन क्रैकडाउन के दौरान इलिनॉय में किसी विद्रोह या हिंसा का स्पष्ट खतरा नहीं है।
अदालत ने कहा – विद्रोह का कोई सबूत नहीं
अपील्स कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आगे सुनवाई की जाएगी और तब तक नेशनल गार्ड की तैनाती सीमित रहेगी।
जज पेरी ने अपने आदेश में कहा कि “ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है जो यह दिखाए कि इलिनॉय में नागरिक प्रशासन असफल हो गया है।” उन्होंने जोड़ा, “जो लोग कानून का उल्लंघन कर रहे थे, उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है, अदालतें खुली हैं और कानून व्यवस्था सामान्य रूप से चल रही है।”
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ट्रंप प्रशासन का दावा – कई शहरों में बढ़ा अपराध
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि देश के कई शहरों में अपराध बढ़ रहा है, इसलिए नेशनल गार्ड की तैनाती जरूरी है। हालांकि, अदालत ने कहा कि इस दावे को साबित करने वाले पर्याप्त आंकड़े नहीं हैं।
यदि राष्ट्रपति इंसर्जेंसी एक्ट (Insurrection Act) लागू करते हैं, तो वे राज्यों में सैन्य बल भेज सकते हैं — लेकिन यह तभी संभव है जब राज्य कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल हों।
कहां तैनात हैं गार्ड सदस्य
इलिनॉय और टेक्सास से भेजे गए करीब 500 नेशनल गार्ड सदस्य फिलहाल शिकागो के दक्षिण-पश्चिम में एलवुड स्थित अमेरिकी सेना रिजर्व सेंटर में तैनात हैं। कुछ जवानों को ब्रॉडव्यू में अमेरिकी इमिग्रेशन और कस्टम्स इंफोर्समेंट (ICE) भवन में भी तैनात किया गया है।
यह फैसला अमेरिका में संघीय अधिकार और राज्य की स्वायत्तता को लेकर चल रही बहस को एक बार फिर उजागर करता है।