समतामूलक समाज की स्थापना में संविधान की भूमिका पर गोष्ठी सम्पन्न
संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जिला मुख्यालय स्थित पी.डी. लॉ कॉलेज तथा प्रभा देवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खलीलाबाद में संविधान दिवस के अवसर पर “समतामूलक समाज में संविधान की भूमिका” विषयक विचार गोष्ठी आयोजित की गई। यह आयोजन जनपद न्यायाधीश मोहन लाल विश्वकर्मा के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अपर जनपद न्यायाधीश देवेन्द्र नाथ गोस्वामी ने कहा कि संविधान मात्र एक ग्रंथ नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने वाला जीवन-मूल्यों का आधार है। उन्होंने कहा कि संविधान में निहित आदर्शों को केवल याद करने की ही नहीं, बल्कि उन्हें आचरण में उतारने की आवश्यकता है। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि “जब किसी गैर-संवैधानिक कार्य को देखकर मन में बेचैनी उत्पन्न हो, वहीं से विधि-चेतना की वास्तविक शुरुआत होती है।”
मुख्य अतिथि ने विधि के विद्यार्थियों को कई महत्वपूर्ण विधिक परामर्श दिए और आवश्यकता पड़ने पर हर संभव सहायता का आश्वासन भी प्रदान किया।

अधिवक्ता अनंजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि “हम भारत के लोग” से प्रारंभ होने वाला हमारा संविधान समतामूलक समाज की भावना पर आधारित है। संविधान न्याय के आधार पर संचालित होता है और किसी भी भेदभाव या पूर्वाग्रह की अनुमति नहीं देता। उन्होंने आगामी 13 दिसंबर को आयोजित होने वाली लोक अदालत, टोल-फ्री नंबर 15100, तथा ‘न्याय मार्ग’ ऐप के उपयोग पर भी प्रकाश डाला।
पी.डी. लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रमेश कुमार ने अतिथियों का परिचय कराते हुए संविधान में निहित विशेष प्रावधानों पर छात्रों के साथ सार्थक संवाद किया।
प्रभा देवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रमोद कुमार त्रिपाठी ने आभार ज्ञापन करते हुए संविधान के अनुच्छेद 15 से 18 तक की महत्वपूर्ण व्याख्या प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि ये अनुच्छेद भेदभावरहित एवं समतामूलक समाज की स्थापना के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
इस अवसर पर डॉ. अमरनाथ पाण्डेय, सीमा पाण्डेय, सुनीता गौतम, शाहिदा खातून, पूनम उपाध्याय, शक्ति उपाध्याय, प्रेमनाथ विश्वकर्मा, अर्चना निषाद, प्रशंसा श्रीवास्तव, सिकंदर कुमार सहित चंद्रेश, अनुराग, दीपक, यूसुफ, नेहा, साक्षी, अनुराधा, खुशी, मंतशा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
