
दक्षिण भारतीय होते हुए भी भोजपुरी नाट्यमंच को वाई शंकर मूर्ति ने दिलाया सम्मान – डॉ धर्मेन्द्र पांडेय
सलेमपुर ,देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। सलेमपुर जैसे पिछड़े इलाके में दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश से आकर नाट्यमंच व भोजपुरी संस्कृति व सभ्यता से ओतप्रोत होकर इसके विकास को लेकर सदैव सजग रहे वाई शंकर मूर्ति का असमय हमलोगों के बीच से चले जाना बहुत ही अपूरणीय क्षति है। उक्त बातें कांग्रेस कार्यालय पर इनके निधन पर आयोजित शोक सभा को सम्बोधित करते हुए जिला कांग्रेस के निवर्तमान महासचिव डॉ धर्मेन्द्र पांडेय ने कहा।उन्होंने कहा कि भोजपुरी के इस विधा को इन्होंने नई बुलन्दियों पर ले जाने का काम किया। तमाम परेशानी उठाने के बाद भी वाई शंकर मूर्ति अपने मिशन पर अडिग रहे,इनकी कमी सदैव खलेगी। शोक व्यक्त करने वालों में नेता विधानसभा भागीरथी प्रसाद, मार्कण्डेय मिश्र,प्रेमलाल भारती,बदरे आलम,गोविंद मिश्र,रामविलास तिवारी, सत्यम पांडेय, वशिष्ठ मोदनवाल, मनीष रजक,वजीर अहमद,अभिनीत उपाध्याय,चंद्रमोहन पांडेय, लालसाहब यादव,चुन्नू श्रीवास्तव,परमानंद प्रसाद,राहुल मिश्र,रोहित यादव, गंगासागर मिश्र,आजाद अहमद, डॉ इम्तियाज, देवेन्द्र नाथ,रणजीत सिंह, प्रेमचंद बारी,डॉ याहिया अंजुम, उदय नारायण तिवारी ,राजेन्द्र तिवारी, अवधेश पांडेय, संतोष सिंह,मोहन प्रसाद,अगस्त दूबे,गोरखनाथ मिश्र, प्रह्लाद मिश्र, अखिलेश मिश्र,आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।
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