वाराणसी (राष्ट्र की परम्परा)l यात्री सुविधाओं के उन्नयन एवं परिचलनिक सुगमता हेतु मूलभूत ढाँचे में विस्तार के क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के फेफना- इन्दारा दोहरीकरण परियोजना के अन्तर्गत रतनपुरा-इन्दारा (15.24 किमी) स्टेशनों के मध्य दोहरीकरण के अंतर्गत दूसरी रनिंग लाइन का निर्माण का कार्य पूर्ण होने के उपरान्त आज 05 मार्च,2024 को रेल संरक्षा आयुक्त,पूर्वोत्तर सर्किल प्रणजीव सक्सेना ने मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण एस. सी श्रीवास्तव एवं अपर मण्डल रेल प्रबन्धक (इंफ्रा) रोशन लाल यादव के साथ इस नई दोहरीकृत रेल खंड का निरीक्षण किया ।
इस अवसर पर उनके साथ प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (रेल विकास निगम लिमिटेड) कमल नयन ,मुख्य विद्युत डिज़ाइन इंजीनियर सुरेश कुमार ,मुख्य सिगनल इंजीनियर आर के सिंह , उप मुख्य संरक्षा अधिकारी आशीष पाण्डेय,महाप्रबंधक/विद्युत रेल विकास निगम लिमिटेड एस.पी.एस. यादव, मुख्य परियोजना प्रबन्धक (रेल विकास निगम लिमिटेड) विकास चंद्रा, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर समन्वय राकेश रंजन, मंडल इंजीनियर पी पी कुजूर , वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी बलेंद्र पॉल , वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (कर्षण) आर एन सिंह , वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर रजत प्रिय, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (सामान्य) पंकज केशवानी, अपर महाप्रबंधक (रेल विकास निगम लिमिटेड)आषुतोष शुक्ला सहित मुख्यालय तथा वाराणसी मंडल के सम्बंधित शाखा अधिकारी समेत रेलवे कर्मचारी एवं रेल विकास निगम लिमिटेड वरिष्ठ इंजीनियर उपस्थित थे।
रेल संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना ने अपने निरीक्षण का आरंभ रतनपुरा रेलवे स्टेशन के निरीक्षण से किया ।उन्होंने विद्युतीकृत दोहरी रेल लाइन के मानक के अनुरूप संरक्षा अभिलेखों, यार्ड प्लान, स्टेशन वर्किंग रूल, प्लेटफार्म क्लियरेंस, पॉइंट क्रासिंग, सिगनलिंग, फाउलिंग मार्क, पैनल इन्टरलॉकिंग, बैटरी रूम, रिले रूम सहित रतनपुरा स्टेशन पर इन्दारा इंड साइड स्विच एक्स्टेंशन जॉइंट सं-03 एवं लॉन्ग वेल्डेड रेल आदि का गहन निरीक्षण किया संरक्षा परखी। तदुपरान्त रतनपुरा की लाइन नम्बर 03 से मोटर ट्राली द्वारा रतनपुरा-इन्दारा रेल खण्ड पर नवनिर्मित दूसरी लाइन का निरीक्षण करते हुये किमी सं-35-36 पर स्लीपरों का अंतराल एवं लोड प्रबन्धन का मापन करते हुए किमी सं-37 पर स्थित माइनर ब्रिज सं-21 का सेफ्टी निरीक्षण किया और कम्पोसिट गर्डर एवं फाउलिंग मार्क की जाँच की। इसके बाद वे किमी सं-37/20-22 पर स्थित ओवर हेड इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन एवं स्टैंडर्ड एस के वी वेल्डिंग की जाँच की, इसके बाद वे किमी सं37/6 पर स्थित माइनर ब्रिज सं-22 का व्यापक संरक्षा निरीक्षण किया और किमी सं-41/9 पर स्थित समपार फाटक संख्या-26 पर पहुँचे गेट का संरक्षा निरीक्षण किया तथा गेट मैन के संरक्षा सम्बंधित ज्ञान को परखते हुए किमी सं-43/5 पर स्थित हलधरपुर हाल्ट स्टेशन पहुँचे । हलधरपुर हाल्ट का निरीक्षण कर किमी सं-44/3-4 पर स्थित समपार फाटक सं-27 स्पेशल का दोहरीकरण के मानकों के अनुरूप व्यापक निरीक्षण किया,हाईट गेज और बूम लॉक का परीक्षण किया, गेट मैन के सेफ्टी टूल्स/सक्षमता प्रमाणपत्र/पीएमई की जाँच करते हुए किमी सं-45/1 पर स्थित ब्रिज संख्या-25 का संरक्षा परीक्षण किया और सभी मानकों की गहराई से जाँच की। इसके बाद किमी सं 24/5 पर स्थित समपार सं-16 का सेफ्टी निरीक्षण किया और दोहरीकरण के मानकों के मुताबिक मेजरमेंट लिया और कम्पोसिट गर्डर एवं फाउंडेशन की जाँच करते हुए इन्दारा स्टेशन पहुँचे। उक्त निरीक्षण में रेल संरक्षा आयुक्त ने लाइन फिटिंग्स,सिग्नलों का संस्थापन, बैलास्ट की कुशनिंग,ओवर हेड लाइन की मानक स्थिती एवं पुल पुलियाओं पर संरक्षा के सभी मानदंडों को परखा।
निरीक्षण के अंत में रेल संरक्षा आयुक्त ने अपनी सी आर एस निरीक्षण स्पेशल को इन्दारा-रसड़ा (किमी 28.24)नव दोहरिकृत रेल खण्ड पर 125 किमी/घन्टे की रफ्तार से दौड़ाकर स्पीड ट्रायल सफलतापुर्वक पूरा किया ।
ज्ञातव्य हो की अब रसड़ा से इंदारा तक का खंड जिसकी कुल लंबाई 28.249 किलोमीटर है,की ओपनिंग किया जा रहा है। इस रेल खण्ड के दोहरीकरण से भीड़भाड़ वाले उत्तर मध्य रेलवे मार्ग पर दबाव कम हो जाएगा। वैकल्पिक मार्ग के रूप में फेफना-मऊ-शाहगंज अमृतसर मुरादाबाद-लखनऊ-मुगलसराय-पटना खंड और गोरखपुर-छपरा-हाजीपुर-गुवाहाटी खंड के बीच एक महत्वपूर्ण लिंक प्रदान करेगा ।इस प्रकार, इस खंड के दोहरीकरण से वाराणसी-मुगलसराय और मकामा-बरौनी खंड को काफी राहत मिलेगी, जो अत्यधिक भीड़भाड़ वाले हैं। दोहरीकरण के बाद अधिक संख्या में माल/यात्री ट्रेनें चलाई जा सकेंगी जिससे इस क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि आएगी और विकास होगा।
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