समीउद्दीन अंसारी की चलती है विद्यालय में मनमानी, क्या इन्हें नहीं है प्रशासन का खौफ
मानपुर/सीतापुर(राष्ट्र की परम्परा)
प्राथमिक विद्यालय दासापुर के प्रधानाध्यापक समीउद्दीन अंसारी जो हिटलर शाह के रूप में जाने जाते हैं, यह इसके पहले भी महिला टीचर के शोषण में जाने जाते रहे हैं।इनके कार्यकाल में बच्चों को पोष्टिक आहार की बात तो छोड़ो पेट भर भोजन मिलना भी नामुमकिन सा प्रतीत हो रहा है, विद्यालय में मिड-डे मील का नाम लेना गलत ही होगा कारण मिड-डे मील तालिका को भी इनके द्वारा मिटा दिया गया है। विद्यालय में फल, दूध, मूंगफली दाना, रामदाना, सन्तरा, इत्यादि कोई भी फल बच्चों को नहीं दिया जाता है सिर्फ केले के अलावा।
प्रधानध्यापक समीउद्दीन अंसारी से यदि कमेटी भोजन के बारे बात करती है तो कमेटी को पुलिस कार्यवाही की धमकी दी जाती है । दासापुर प्राथमिक विद्यालय में जो रसोइयाँ है, उनके बच्चे विद्यालय में शिक्षा प्राप्त नही करते है। अतः ये विद्यालय में रसोइयों के पद के लिए योग्य नहीं हैं । इन रसोइयों के द्वारा बच्चों से अच्छा व्योहार नहीं किया जाता है । एक से दो रोटी के बाद यदि बच्चे दोबारा खाना मंगाते हैं तो बच्चों को डाट कर भगाया जाता है। यह बात बच्चो द्वारा अपने माता पिता को बताई तो यह बात विद्यालय के अध्यक्ष चन्दन सिंह के पास पहुंची, जिस पर अध्यक्ष द्वारा प्रधानाध्यापक को इस बात की जानकारी दी गई तो प्रधानाध्यापक की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं की। यह पिछले 5 महीने से लगातार चल रहा है साथ ही प्रधानाध्यापक का कहना है कि मैं देखता हूँ कि रसोइयों को कौन विद्यालय से हटवाता है। अध्यक्ष द्वारा गांव के ही राजेंद्र सिंह को खाने की जाँच करने के लिए विद्यालय भेजा गया जिनके दो बच्चे इसी विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं एवं इनकी पत्नी नीतू देवी विद्यालय की मौजूदा कमेटी सदस्य भी हैं, तत्पश्चात खाने का पूरा ब्यौरा अध्यक्ष को बताया गया कि विद्यालय में पानी जैसी दाल, कच्ची रोटी और कच्चा चावल बच्चों को मिलता है । यह बताने पर अध्यक्ष चन्दन सिंह द्वारा प्रधानाध्यापक को फिर पूरी जानकारी दी गई । प्रतिक्रिया स्वरूप एक हफ्ते बाद 05-04-2025 को विद्यालय में रिजेल्ट विद्यार्थियों को बाटे जा रहे थे उसी समय लगभग 11ः30 बजे रसोइयाँ जमुनावती द्वारा विद्यालय की कमेटी सदस्य नीतू देवी के पति राजेंद्र सिंह को खाने के सम्बन्ध में मारा पीटा तथा धमकाया गया कि यदि तुम लोग हस्तक्षेप करोंगे तो तुम लोगों पर फर्जी मुकदमा लिखवा दूंगी। तथा प्रधानाध्यापक से कह कर तुम्हारे बच्चो की जिंदगी बर्बाद करा दूंगी। जबकि राजेंद्र सिंह मंदिर में पूजा करने के लिए गए हुए थे । जिसे विद्यालय कमेटी ने गम्भीरता से लेते हुए एक पत्र मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी बिसवां, बेसिक शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा है। तथा सम्पूर्ण प्रकरण की जांच की मांग की है। तथा कहा है कि यदि इस बीच बच्चों पर किसी भी प्रकार की कोई दुर्घटना होती है, तो इसकी समस्त जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक और रसोइयों की होगी।
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प्राथमिक विद्यालय दासापुर के प्रधानाध्यापक समीउद्दीन अंसारी विगत माहों में अपने ही विद्यालय की महिला अध्यापिका का शोषण करते नजर आए थे, तब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया था। यह मामला अधिकारियों तक पहुंचा परन्तु अधिकारियों से सांठगांठ होने के कारण इन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। अपितु मामला शांत कर दिया गया।
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