Tuesday, October 14, 2025
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मुख्य सचिव बोले– परीक्षा में निष्पक्षता सर्वोपरि, किसी भी लापरवाही पर होगी कड़ी कार्रवाई

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एस.पी. गोयल ने आगामी राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा प्रारंभिक परीक्षा एवं सहायक वन संरक्षक व क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा परीक्षा की तैयारियों की समीक्षा लखनऊ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की।
गोरखपुर मंडलायुक्त सभागार में आयोजित बैठक में मंडलायुक्त अनिल ढिंगरा, जिलाधिकारी दीपक मीणा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर, एडीएम सिटी एवं नोडल अधिकारी परीक्षा अंजनी कुमार सिंह तथा डीआईओएस अमरकांत सिंह सहित प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने बताया कि 12 अक्टूबर 2025 को होने वाली परीक्षा के लिए गोरखपुर जिले में 41 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जहाँ कुल 19,224 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। प्रत्येक केंद्र पर लगभग 480 परीक्षार्थी दो पालियों में शामिल होंगे। प्रशासन ने परीक्षा की शुचिता बनाए रखने हेतु 41 सेक्टर मजिस्ट्रेट और 41 स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की है।

मुख्य सचिव गोयल ने कहा— “परीक्षा को निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराना सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी स्तर पर लापरवाही या अनियमितता स्वीकार्य नहीं होगी।”
उन्होंने निर्देश दिया कि हर परीक्षा केंद्र पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए और परीक्षार्थियों को शांतिपूर्ण वातावरण उपलब्ध कराया जाए।

जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि परीक्षा के सफल संचालन के लिए प्रशासन और पुलिस दोनों पूरी तरह चौकस और मुस्तैद हैं। “हर केंद्र पर निगरानी रखी जाएगी तथा किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।”

एसएसपी राज करन नय्यर ने कहा कि सभी केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी और सतर्क रहेगी। “ट्रैफिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखने के लिए टीआई, टीएसआई और जवानों की ड्यूटी तय कर दी गई है ताकि आमजन को कोई असुविधा न हो।”

मंडलायुक्त अनिल ढिंगरा ने बताया कि परीक्षा केंद्रों पर पेयजल, स्वच्छता, प्रकाश व्यवस्था और प्रवेश-निकास प्रबंधन की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। साथ ही निर्देश दिया कि “किसी आकस्मिक स्थिति में केंद्र व्यवस्थापक तुरंत जिला नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें।”

मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि परीक्षा निरीक्षकों की नियुक्ति 50 प्रतिशत बाहरी विद्यालयों से और 50 प्रतिशत स्थानीय शिक्षकों से की जाएगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
उन्होंने कहा— “लक्ष्य यह है कि हर अभ्यर्थी को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और निष्पक्ष वातावरण में परीक्षा देने का अवसर मिले।”

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