बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)
मिहिपुरवा ब्लाक के थारू जनजाति बाहुल्य ग्राम बलाई में सभी ग्राम वासियों के साथ दीपोत्सव एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया व छठ पूजा की आज से शुरुवात हो गई नहाय खाय के साथ सुहागिनों ने सरजू नदी में डुबकी लगाकर कर छठ माई की पूजा की शुरुवात हुई दूसरे दिन लोहड़ा खरना के साथ करीब 36 घण्टे के इस व्रत को रख अपने पति की दीर्घायु की कामना करती है व बच्चों के साथ साथ परिवार की खुशियों के लिए छठ माई से प्रार्थना करती है और नदी, तालाब सरोवर में जाकर तीसरे दिन संध्या को डूबते सूर्य अर्घ्य देकर रात को छठ माई के भजन कीर्तन करती और कोसी भरती प्रातः काल नदी तट पर सूर्योदय को अर्ध्य देकर अपने व्रत का पारणा करती है सुप पीतल या बॉस का रखकर नीबू, नारियल पानी सहित, पान सुपारी, गन्ना, शहद,सिंदूर,अदरक हल्दी पौधे सहित सजाकर नदी, तालाब, पर पूजा अर्चना कर अपने सुहाग के साथ घर की खुशियों की कामना करती है,दीपावली के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अशोक कुमार अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एवं विशिष्ठ अतिथि के रूप में थाना प्रभारी प्रस्तुत हुए। बलाई गांव की थारू जनजाति की बालिकाओं के समूह द्वारा इस आयोजन के उपलक्ष एक नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई,जो बहुत ही सराहनीय रही।संस्थान के अध्यक्ष जसवीर सिंह एवं सचिव गौरव शर्मा के द्वारा कुछ सम्मानित राशि बच्चो को उपहार स्वरूप दी गई। संस्थान के पदाधिकारियों के द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी ग्राम वासियों को मिठाइयां मिट्टी के दिए,तेल,बाती,एवं सभी बालक बालिकाओं को पटाखे वा मिस्ठान दिए गए। मुख्य अतिथि ने कहा कि “जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना,अंधेरा धरा पर कही रह न जाए”इन पंक्तियों के माध्यम से ये दीपोत्सव पर्व पर संदेश दिया की प्रत्येक मनुष्य के जीवन में कभी भी किसी भी प्रकार का (तम)अगर निर्मूल करना है तो मिट्टी के जलते हुए दीपक से हमे एक सकारात्मक और ऊर्जावान प्रेरणा लेनी चाहिए।बहराइच जनपद के अंतरराष्ट्रीय सीमा पार बसे अंतिम गांव में इस प्रकाश उत्सव को आयोजित करने का मुख कारण है वो ये है को समाज में अंतिम व्यक्ति के पास भी वो सभी तरह की सुविधाएं एवं साधन होनी चाहिए की जो नगरीय क्षेत्र में रहने वाली जनता के पास होता है तभी हम अंत्योदय के लक्ष्य को सत प्रतिशत प्राप्त कर पाएंगे। संस्थान के सचिव गौरव शर्मा ने सभी ग्राम वासियों को संबोधित करते हुए दीपोत्सव की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं दी और अति पिछड़े थारू जनजाति बाहुल्य ग्राम के निवासियों को पारंपरिक कला कौशल को राजधानी एवं अन्य प्रदेशों में प्रस्तुत करने के लिए मार्गदर्शन दिया और सरकार द्वारा जनजातीय समाज के लिए संचालित योजनाओं का लाभ प्रदान करने आश्वासन दिया। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के प्रबंधक जगदीश केशरी ने किया एवं संस्थान के संयोजक शिवम सिंह ने इस आयोजन की सारी व्यवस्था को संपन्न करने में अपनी महती भूमिका निभाई ग्रामवासियों ने दीपावली के शुभकामनाएं दी और छठ माई की पूजा की बधाई दी
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