
नासिक/महाराष्ट्र(राष्ट्र की परम्परा)
धार्मिक कथाओं के अनुसार छठी मैया भगवन शिव के पुत्र कार्तिकेय की पत्नी हैं, इनके पूजा आराधना से आरोग्यता, वैभव और संतान का सुख मिलता है। यही वजह है कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से सप्तमी तिथि तक इनकी पूजा होती है।
चार माता के अनुसार छठ महापर्व का दूसरा दिन हरना के नाम से जाना जाता है इस पर्व में शुद्धता और पवित्रता पर जोर दिया गया है इस दिन महिलाएं दिनभर निर्जल व्रत रखती है।
आस्था का छठ महापर्व ज्यादातर उत्तर भारतीय उत्तर प्रदेश व बिहार से आने वाले लोगों के द्वारा बड़े ही हर्ष व उल्लास के साथ मनाया जाता है आज के दिन नासिक जिले में पंचवटी तपोवन, सोमेश्वर सहित तमाम नदियों पर भगवान भास्कर सूर्य की आराधना करती हैं और पुत्र और पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं, साथ में पूरे परिवार की सुख व समृद्धि की भी कामना करती हैं।
