June 16, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

चुनौती भरा जीवन

बलिया(राष्ट्र की परम्परा)

आज रामू का इंटरव्यू होने वाला था रामू कंपनी में नौकरी पाने के लिए कई बार इंटरव्यू दिया लेकिन एक भी बार सफलता नहीं मिली। इस बार उसने प्रण किया कि अगर सेलेक्शन नहीं होता तो वह कभी इंटरव्यू नहीं देगा। इस बार उसने काफी मेहनत करके इंटरव्यू दिया था। परंतु उसे असफलता का डर सताता रहता था। वह सोचता कि अगर सफल नहीं हुआ तो घर वाले क्या कहेंगे दोस्तों को वह कौन सा मुंह दिखाएगा। रामू शुरू से ही मध्यम श्रेणी का छात्र था। पारिवारिक परिस्थितियां ऐसी थी कि उसको पढ़ाई के साथ-साथ अनेकों जिम्मेदारी निभानी पड़ती थी। आज रामू का परिणाम आने वाला था सुबह से ही रामू मायूस था। उसके अंदर से बार-बार आवाज आ रही थी की असफलता ही उसका भाग्य है उसका जीवन बेकार है। इन्हीं विचारों के साथ-साथ वह गहरी सोच में डूबा ही था कि अचानक श्याम आ जाता है। और रामू को उसका रिजल्ट बताता है। जिसका डर था वही हुआ रामू का सेलेक्शन नहीं हुआ। रामू घोर अवसाद के कारण निर्णय नहीं ले पा रहा था वह सोच रहा था कि उसका जीवन बेकार है। उसने श्याम से कहा मेरी तो किस्मत ही खराब है मुझे जीने का कोई अधिकार नहीं है। इतना कहकर वह जोर-जोर से रोने लगा तभी श्याम ने कंधे पर मजबूती से हाथ रखते हुए बोला— मैं जानता हूं कि तुम इस बार भी फिर फेल हो गए हो। तुम्हें बार बार निराशा का सामना करना पड़ रहा है परंतु तुम्हें एक बात समझनी होगी कि निराशा किसी समस्या का हल नहीं है। निराशा पर विजय पा लेना ही असली इम्तिहान है। श्याम ने कहा जिंदगी में ऐसी अनेक असफलताओं का सामना करना पड़ेगा। जीवन में अनेकों इम्तिहान देने पड़ेंगे। अनेकों चुनौतियां आएंगी उनका सामना करने के लिए मजबूत बनना होगा। निराशा किसी समस्या का हल नहीं है। निराशा पर विजय पा लेना ही असली इम्तिहान होता है। सफलता का मूल मंत्र किसी भी कार्य को एकाग्रता से करने में निहित होता है। श्याम ने कहा कि तुम्हारा ध्यान पढ़ाई के साथ-साथ घर के कमजोर हालातो पर भी रहता है इसलिए तुम सफलता प्राप्त नहीं कर पा रहे। खुद को कोसना या बदनसीब कहना ठीक नहीं है। भाग्य उन्हीं का साथ देता है जो हर चुनौती का डटकर सामना करते हैं। तुम्हें हर चुनौती को स्वीकार करना होगा। तब देखो कैसे सफलता मिलती है। श्याम की बातों से रामू के भीतर नई ऊर्जा का संचार हुआ और उसने मन ही मन संकल्प किया कि जब तक उसे सफलता नहीं मिल जाती वह हर चुनौती का डटकर मुकाबला करेगा। और जब तक सफलता नहीं मिल जाती तब तक वह हर चुनौती का सामना मजबूती से करेगा।उक्त बातें सिमा त्रिपाठी शिक्षिका ने कहा