मिश्रा ने किया आतंकवाद विरोधी अभियान में उल्लेखनीय कार्य
जम्मू-कश्मीर का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार “शेर-ए-कश्मीर” एवार्ड से हो चुके हैं सम्मानित
(चंद्र प्रकाश शुक्ल)
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा) जम्मू-कश्मीर में आतंक का कमर तोड़ चुके देवरिया के लाल डा.शैलेंद्र मिश्रा को भारत सरकार ने “केंद्रीय गृहमंत्रालय दक्षता पुरस्कार- 2024” देने की घोषणा की है। यह एवार्ड केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिया जाएगा। 1992 कैडर के आईपीएस अधिकारी डा.शैलेंद्र मिश्रा मुसैला के पास बड़हरा गांव के रहने वाले हैं। वर्तमान में वे मुंबई एनआईए के डीआईजी हैं। इसके पहले वे जम्मू-कश्मीर के कठुआ, शोपियां, उधमपुर, कारगिल और सांबा में बतौर एसएसपी आतंकवादियों का कमर तोड़ चुके हैं। इसलिए उनके साहस और बहादुरी को देखते हुए भारत सरकार ने यह सम्मान देने का निर्णय लिया है, जिन्होंने देशभर में आतंकवादी ऑपरेशनों के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
देवरिया के लाल ने आतंकवाद को खत्म करने में निभाया अहम रोल
जुनून के साथ देवरिया के लाल ने जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में तैनात रह चुके हैं। साथ ही आतंकवाद के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में अहम रोल निभा चुके हैं। आतंकवादी गतिविधियों के बारे उन्हें काफी अच्छी जानकारी थी जिसका लाभ ले उन्होंने आतकवाद की कमर तोड़ दी। अपने कार्यकाल में उन्होंने कई लाइव एनकाउंटर कर आतंकवादियों के दांत खट्टे कर दिए थे।
मिश्रा के कारनामे का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई चर्चा तो जनपद को मिला सम्मान
डा.मिश्रा को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले। आतंकवाद विरोधी अभियान में उल्लेखनीय कार्य के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी सराहना की गई। उन्होंने आतंकी फंडिंग और संगठित अपराध के खिलाफ कड़े कदम उठाए, जिससे आतंकवादियों के वित्तीय स्रोतों पर कड़ी चोट पहुंची।
बीर ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कई चुनौतियों का किया था सामना
देवभूमि, देवरिया जनपद के रहने वाले शैलेन्द्र मिश्रा का जन्म महाराष्ट्र के ठाणे शहर में हुआ है। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से मेडिकल स्नातक किया। उसके बाद हैदराबाद से प्रबंधन की डिग्री प्राप्त की। 2008 में यूपीएससी परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त कर वे आईपीएस सेवा में चुने गए। साल 2009 में उन्हें जम्मू-कश्मीर कैडर में शामिल किया गया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 11 वर्षों तक कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। इस दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा।
कश्मीर में आतंकवादी कमांडरों का कर दिया खात्मा
कश्मीर घाटी में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए दक्षिण कश्मीर में आतंकवादी कमांडरों का खात्मा किया। इसके लिए उनके साहस और बहादुरी को देखते हुए तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने ‘सेना प्रमुख पदक’ से सम्मानित किया। इसके अलावा उनके साहस और बहादुरी को देखते हुए उन्हें जम्मू-कश्मीर का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार “शेर-ए-कश्मीर” एवार्ड से नवाजा गया है। वर्तमान में वे मुंबई में हैं, और एनआईए के डीआईजी पद पर कार्यरत हैं। मुंबई में उन्होंने मुंद्रा पोर्ट ड्रग्स जब्ती मामले की जांच की, जिसमें 21 हजार करोड़ की हिरोइन जब्त की गई। परिणामस्वरूप भारत और अफगानिस्तान के कई अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल गिरोह के कई सदस्य गिरफ्तार हुए।
आज जनपद के राजनैतिक पार्टियों सहित उद्योग घराने सामाजिक लोगो सहित प्रधान शिक्षको ने श्री मिश्रा को बधाई दी।
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