June 18, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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लेजेंड ऑफ़ महराजगंज के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों के हस्तियों को किया गया सम्मानित

प्रमिला होमियो क्लिनिक एंड रिसर्च सेंटर द्वारा मनाई गई डा. सैमुअल हैनीमैन जयंती

महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ हेमंत श्रीवास्तव और प्रमिला होम्योपैथिक एवं रिसर्च सेंटर महराजगंज की ओर नगर के एक प्रतिष्ठित होटल में लीजेंड आफ महराजगंज कार्यक्रम का आयोजन कर जहां एक तरफ महराजगंज जनपद में विभिन्न क्षेत्रों में अच्छे कार्य करने वाले सामाजिक नागरिकों का सम्मान किया गया वहीं होम्योपैथिक के जन्मदाता डॉक्टर सैमुअल एनिमल की जयंती भी मनाई गई l कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों ने डॉ हेमंत श्रीवास्तव के द्वारा किए जा रहे चिकित्सकीय कार्य की सराहना किया। विश्व पटल पर जनपद का नाम स्थापित करने के लिए धन्यवाद भी दिया
विश्व होम्योपैथिक दिवस के अवसर पर प्रमिला होमियो क्लिनिक एंड रिसर्च की ओर से डा हेमंत श्रीवास्तव ने बताया कि डा हैनीमैन ने होम्योपैथी की खोज कर कई लोगों की जिंदगियों को बचाया है ।इस चिकित्सा प्रणाली द्वारा गंभीर और असाध्य रोगों का भी सुगमता से उपचार किया जाता है ,एवं बीमारी को समूल नष्ट किया जाता है ,होम्योपैथिक एक ऐसी चिकित्सा प्रणाली है जो विश्व की दूसरे नंबर की चिकित्सा श्रेणी में आता है। न केवल अपने देश में बल्कि विदेशों में भी इसका काफी बोलबाला है। काफी लोग इस चिकित्सा प्रणाली से जुड़कर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं और अपने शरीर को रोग मुक्त कर रहे हैं l
कार्यक्रम के अध्यक्ष पीजी कालेज के प्रबंधक डॉ बलराम भट्ट ने कहा कि होम्योपैथी द्वारा किसी भी रोगों को उसके लक्षण के अनुसार इलाज कर बीमारी को समूल नष्ट किया जाता है।होम्योपैथी के अनुसार यदि किसी पदार्थ से एक स्वस्थ व्यक्ति में बीमारी के लक्षण होने लगते हैं, तो वही पदार्थ उसे थोड़ी सी मात्रा में देने पर वह ठीक हो सकता है। होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के सिद्धांत के रूप में होम्योपैथिक दवाएं शरीर की अपने आप ठीक होने की क्षमता को बढ़ा देती है। होम्योपैथी के चिकित्सकों को होम्योपैथ कहा जाता है, जो नियमों के अनुसार पहले रोग का निदान करते हैं और फिर परिणामों के अनुसार दवाएं व अन्य उपचार थेरेपी निर्धारित करते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सामाजिक संस्था सिटीजन फोरम के अध्यक्ष डॉ आरके मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि इलाज के दौरान आमतौर पर मरीज को गोलियां व घोल दिए जाते हैं, जिन्हें एक निश्चित मात्रा में दवा के सक्रिय तत्व होते हैं। हालांकि, विज्ञान की तरफ से अभी तक कोई ऐसा प्रमाण नहीं मिल पाया है, जिसमें होम्योपैथी दवाओं को किसी रोग के इलाज के लिए प्रभावी बताया गया हो।
कार्यक्रम के अंत में डा हेमंत श्रीवास्तव ने शिक्षा क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए डॉ बलराम भट्ट, सामाजिक क्षेत्र में कार्य के लिए डॉ आर के मिश्रा, विज्ञान के क्षेत्र में कार्य के लिए विमल कुमार पांडेय और अमरेंद्र शर्मा, कार्यक्रमों में संचालन और समन्वय वादिता के लिए डॉ शांति शरण मिश्रा, सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के क्रम में देवेश कुमार पांडेय, दिलीप कुमार शुक्ला, एजाज खान, सलीम खान, डॉ घनश्याम शर्मा, सेवा के सेवानिवृत रविंद्र बहादुर सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, शिक्षा क्षेत्र में विजय बहादुर सिंह, सामाजिक क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए ठूठीबारी के आशीष रौनियार, निचलौल के विनोद मिश्रा, फरेंदा के प्रदीप कटियार, महराजगंज के राकेश गुप्त आदि को प्रतीक चिन्ह और अंग वस्त्र देकर डॉ हेमंत श्रीवास्तव ने सम्मानित किया।
सभी अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित किया गया।कार्यक्रम का संचालन देवेश पाण्डेय और पंकज मौर्या ने संयुक्त रूप से किया।