December 27, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

सीडीओ और एसडीएम को मिलने वाली शिकायतें भी आईजीआरएस पर होंगी दर्ज

जनता से सीधे जुड़े हर अधिकारी को हर दिन 02 घंटे जनसुनवाई के हैं निर्देश

लखनऊ(राष्ट्र की परम्परा)
जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान जैसे जिलों में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों को मिलने वाली जनशिकायतों/ समस्याओं की मॉनीटरिंग की तरह ही अब मुख्य विकास अधिकारी और उप जिलाधिकारी कार्यालयों में आने वाली शिकायतों की भी मॉनीटरिंग होगी। नई व्यवस्था के तहत सीडीओ और एसडीएम कार्यालयों में प्राप्त जन शिकायती प्रार्थना पत्रों की फीडिंग जनसुनवाई-समाधान प्रणाली (आईजीआरएस) पर होगी। इससे न केवल समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जा सकेगा, बल्कि अधिकारियों की जवाबदेही भी तय हो सकेगी।
बता दें कि शिकायतों के निस्तारण हेतु आमजन द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय, उपमुख्यमंत्री कार्यालय, जिलाधिकारी कार्यालय एवं पुलिस आयुक्त/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक कार्यालय, सम्पूर्ण समाधान दिवस (तहसील दिवस), थाना समाधान दिवस, जन सुविधा केंद्र, भारत सरकार (पीजी पोर्टल), मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076, पोर्टल एवं ऐप आदि के माध्यम से आवेदन पत्र दिए जाते हैं। शिकायतों का निस्तारण सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा जनसुनवाई-समाधान प्रणाली के माध्यम से करने की व्यवस्था है। हाल ही में जब मुख्यमंत्री द्वारा जनसुनवाई की समीक्षा की गई तो पाया गया कि जनपदों में ऐसे भी कार्यालय हैं, जहां जन शिकायती प्रार्थना पत्र प्राप्त होतें हैं, लेकिन ऐसे पत्रों को जनसुनवाई-समाधान प्रणाली पर फीडिंग कराते हुए निस्तारण किए जाने की व्यवस्था लागू नहीं है। उप जिलाधिकारी कार्यालयों एवं मुख्य विकास अधिकारी कार्यालयों में प्रतिदिन महत्वपूर्ण विषयों से सम्बन्धित आवेदन पत्र प्राप्त होते हैं। जिन्हें अब आईजीआरएस से जोड़ा जा रहा है।

जनशिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पड़ेगी भारी

लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद बीते दिनों फील्ड में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों के वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने साफ़ तौर पर कहा था कि मुख्यमंत्री जनता दर्शन कार्यक्रम एक बार फिर प्रारंभ हो चुका है और अब जिला, तहसील, ब्लाक, रेंज, जोन में तैनात वरिष्ठ अधिकारी भी जनसुनवाई का नियमित कार्यक्रम प्रारंभ कर दें। प्रति दिन सुबह 10 से 12 बजे तक अधिकारियों को जनसुनवाई के लिए उपस्थित रहना होगा। अधिकारीगण संवेदनशीलता के साथ जनता की समस्याएँ/ शिकायतें सुनें और एक तय समय सीमा के भीतर उसका यथोचित निराकरण कराएं। अधिकारियों को दो टूक शब्दों में मुख्यंमंत्री ने कहा था “जनता की संतुष्टि ही आपके परफॉरर्मेंस का मानक है।” मुख्यमंत्री की मंशा है कि जनता की कठिनाइयां/ शिकायतें प्रशासन के सबसे निचले स्तर पर तैनात अधिकारियों की संवेदनशीलता एवं कर्तव्यपरायणता से निस्तारित हो जाएं।