1- ज़रूरत है कुछ और बदलने की एक तो वैसे ही बेरोजगारी थी,कोरोना वाइरस...
कविता
माया मोह से मन को हटा लो,सुधार लो जीवन धीरे धीरे। ज़िन्दगी बीत रही...
कविता दुनिया वालों संभल जाओ,क़यामत आने वाली है,अपराधों से करो तौबा,मुसीबत बढ़ने वाली है।...
अपनी प्यारी मातृभाषा हिंदी केआलिंगन से हम दूर चले आये हैं।इसके मूल रूप से...
आँखों में पानी भरे जनता भूखी आज,सूखी है धरती, कहीं वर्षा लाई बाढ़,कोई चारा...
छिति, जल, पावक, गगन, समीर,पाँच तत्व मिल बना अग़म शरीर,सत, रज, तम गुण मानव...
हे नेता जी यह बतला दो,मैं मतदाता हूँ तो पूँछ रहा,भूखे को रोटी मिल...
हाँ घर एक मंदिर होता है,बड़े बुजुर्ग सब ये कहते हैं,घर की बुनियादें गहरी...
हे कुंजबिहारी, है वन्दना तुम्हारी,हे मन मोहन, हे बाँके बिहारी,हे गोवर्धनधर, हे भवभय हारी,...
कविता आशा की ज्योति जलाये रखने सेनिराशा और अंधकार मिट जाते हैं,प्रयास, अभ्यास निरंतर...
मेरी रचना, मेरी कविता —X— हम राही हैं उस मंज़िल के,विधना ने जिसे बनाया...
हे मातु दया कर दे, वर दे, तनस्वस्थ सुखी रखिए रखिये।रोटी, कपड़ा, रहने को...
कही जो बात गरीब ने सत्य न माने कोय।झूठे बोल अमीर के जी हाँ,...
दो दोस्तों ने दो जगह दो बातें लिखीं,“समय व साँसे दो ही वास्तविक धन...
ललित कला है प्रवीणता,तो भावों का उद्गार है कविता,वैचारिक साधना है कविता,ईश्वर प्रदत्त उपहार...