कविता

प्रकृति का नियम

जिस तरह वृक्ष की प्रकृति होती हैहमारी प्रकृति वैसी होनी चाहिए,अपनी धरती पर रह वृक्ष की तरह,जड़ों के साथ ही…

1 year ago

देवी स्तुति

हे मातु दया कर दे, वर दे,तन स्वस्थ सुखी रखिये रखिये,रोटी कपड़ा रहने को घर,भूषित वैभव रखिये रखिये।हे मातु… जीवन…

1 year ago

प्रकृति का कटु सत्य

प्रकृति का नियम कितना कटु सत्य है,जो दिखता है, सत्य से परे हो सकता है,आँखे जो देखती हैं जल्दी मिट…

1 year ago

काश मै चरित्रहीन होती

सुनो!मुझे कुछ सुनाई दिया,देखो!मुझे कुछ दिखाई दिया।पर तुम्हें नहीं?इसलिए कहती हूँ सामान्यनहीं हूँ मैं,विशेष भी नहींइन दोनों परिचयो से मुक्त…

1 year ago

दुर्भाव सुभाव उनके कबहूँ न बनैं

लहसुन, प्याज़ गुण धर्म से जैसे,बेस्वाद, तीक्ष्ण गंध वाले होते हैं,उनको कपूर जल से धोकर रखियेअपने गुण धर्म वह नहीं…

1 year ago

जीवन मंत्र और सत्य

पानी का पम्प बंद कर देने से नल बंदहो जाता है, पानी आना रुक जाता है,घड़ी बंद करने से घड़ी…

1 year ago

करें मतदान!

रखिए सुरक्षित लोकतंत्र, भर समता का भाव।तज कर जाति भेद भाव, करें सटीक चुनाव। नेता चुने सही आप, करे सदा…

1 year ago

सम्मान समारोह एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन संपन्न

विभिन्न क्षेत्र मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले वैशिष्ट्जनों का किया गया सम्मान मुम्बई(राष्ट्र की परम्परा) सांताक्रुज रेलवे कॉलोनी मे निर्मला…

1 year ago

कोरोना के रचनात्मक पहलू

कोरोना वाइरस की महामारी से दोवर्षों के अनुभव से विश्व जनमत कोसदा सदा के लिए अनेक महत्व पूर्णसीखें मिली हैं…

1 year ago

मानस प्रसंग

“तृण धरि ओट क़हति वैदेही।सुमिरि अवधपति परम सनेही ॥” दशरथ के राजमहल के भोजनकक्षमें रानियाँ भोजन परोस रही थीं,माता कौशल्या…

1 year ago